दस लड़कियों को मिलेगी 25 हजार महीने की नौकरी, बिहार सरकार अलग से देगी तीन हजार रुपये

एक छोटी सी पहल ने उनके जीवन को उजाले की नयी डगर पर पहुंचा दिया है। ये हैं बिहार की वैसी दस लड़कियां जिनका कोई पता-ठिकाना नहीं है। सरकार ने पहल कर उन्हें बेंगलुरु में अपने खर्चे पर होटल मैनेजमेंट के अलग-अलग पाठ्यक्रम में डिप्लोमा कराया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:43 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:43 PM (IST)
दस लड़कियों को मिलेगी 25 हजार महीने की नौकरी, बिहार सरकार अलग से देगी तीन हजार रुपये
बिहार की दस लड़कियों को नौकरी मिलेगी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: जिंदगी का एक मोड़ वह भी था कि अलग-अलग जगहों से भटकर विभिन्न जिलों के आश्रय गृह में रह रही लड़कियां वहां से निकलने की बात भी नहीं सोच पाती थीं। उनके जीवन के आगे का सफर बिल्कुल ही अंधेरा था। एक छोटी सी पहल ने उनके जीवन को उजाले की नयी डगर पर पहुंचा दिया है। ये हैं बिहार की वैसी दस लड़कियां जिनका कोई पता-ठिकाना नहीं है। सरकार ने पहल कर उन्हें बेंगलुरु में अपने खर्चे पर होटल मैनेजमेंट के अलग-अलग पाठ्यक्रम में डिप्लोमा कराया। इसी महीने की तीस तारीख से ये दस लड़कियां बेंगलुरु के बड़े-बड़े होटलों में कैटरिंग, हाउसकीपिंग व रिसेप्शन काउंटर पर दिखेंगी।

चौदह बच्चियों को ट्रेनिंग के लिए भेजा था

निदेशक, समाज कल्याण राजकुमार प्रसाद ने बताया कि एक साथ चौदह लड़कियों को हमने विभिन्न आश्रय गृहों से लिया। जो लड़कियां आठवीं पास थीं उनका चयन किया गया। बेंगलुरु की एक संस्था इको में इन्हें होटल के अलग-अलग सेगमेंट में प्रशिक्षण दिया गया। राज्य सरकार ने इनके प्रशिक्षण पर चौदह लाख रुपये खर्च किए। सभी का प्रशिक्षण पूरा हो गया। चार लड़कियां ऐसी थीं जिनकी उम्र अभी नौकरी की नहीं है। दो-तीन महीने के अंदर उनकी उम्र नौकरी की हो जाएगी। सभी को स्टार होटलों में नौकरी मिली है। पच्चीस हजार की तनख्वाह पर यह नौकरी है। इसके अलावा अगले दो वर्षों तक राज्य सरकार इन्हें प्रति माह तीन हजार रुपये देगी।

फिर पच्चीस लड़कियों और पांच लड़कों को भेजा जा

इस प्रयोग उत्साहित समाज कल्याण विभाग छठ के बाद पुन: पच्चीस लड़कियों और पांच लड़कों को इस तरह के प्रशिक्षण के लिए बंगलोर भेजने की तैयारी कर ली है। पहली बार लड़कों को भी भेजा जा रहा। सभी लड़कियों को स्मार्ट फोन दिया है सरकार ने, दो साल तक संपर्क में रहेंगे। जिन लड़कियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था उन्हें सरकार ने स्मार्ट फोन दिया है। इनके ई मेल एकाउंट खोले हैैं। विभाग की टीम अगले दो वर्षों तक इनके संपर्क में रहेगी।

जो पढ़ी-लिखी नहीं हैं उन्हें भी काम पर लगाने की तैयारी

आश्रय गृह में रहने वाली जो लड़कियां बिल्कुल ही पढ़ी-लिखी नहीं है उनके लिए भी काम तलाशा गया है। पटना के संपतचक इलाके में स्थित एक बड़ी बेकरी कंपनी में बीस लड़कियों को पैकेजिंग के काम में लगाया जा रहा।

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