पटनाः सड़कों पर बाइक से भरते हैं फर्राटा तो सतर्क रहने की जरूरत, हर दिन 10 पर हाथ साफ कर रहे चोर
तमाम प्रयास के बावजूद राजधानी पुलिस वाहन चोरों पर नकेल नहीं कस पा रही है। वाहन चोरी के बढ़ते आंकड़ों से पटना पुलिस परेशान है। आंकड़ों पर गौर करें तो हर महीने पटना से करीब तीन सौ बाइक चोरी हो रही है। बरामदगी दस फीसद भी नहीं हो रही है।
जागरण संवाददाता, पटना: तमाम प्रयास के बावजूद राजधानी पुलिस वाहन चोरों पर नकेल नहीं कस पा रही है। वाहन चोरी के बढ़ते आंकड़ों से पटना पुलिस परेशान है। आंकड़ों पर गौर करें तो हर महीने पटना से करीब तीन सौ बाइक चोरी हो रही है। बरामदगी दस फीसद भी नहीं हो रही है। चोरों के कितने गिरोह हैं? चोरी की बाइक कहां बेची जा रही है? ऐसे गिरोह की चेन तक पुलिस नहीं तोड़ पा रही है। हालांकि, कुछ थाने की पुलिस बीच में गिरोह पकड़ती है तो कुछ दिनों तक वाहन चोरी थम जाती है, लेकिन बाद में दूसरा गिरोह सक्रिय हो जा रहा है।
पीड़ित का केस दर्ज कर सुस्त पड़ जाती पुलिस
इस साल जनवरी से मई तक 1421 बाइक चोरी हो चुकी हैं। इनमें 90 फीसद बाइक चोरी की शिकायत दर्ज हुई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो बाइक चोरी के मामलों में पुलिस कार्रवाई सुस्त पड़ जाती है। अधिकांश बाइक का इंश्योरेंस रहता है। चोरी के बाद पीडि़त का पूरा ध्यान केस दर्ज कराने पर रहता है। फिर कैसे भी करके केस के आइओ से आरोप पत्र दाखिल कराना। पुलिस भी जांच के नाम पर घटनास्थल पर पहुंचकर सत्यापन करती है। कुछ दिनों बाद घटना सत्य और आरोपित की पहचान नहीं होने का जिक्र करते आरोप पत्र दाखिल कर देती है। इस बीच, पीडि़त का इंश्योरेंस का फायदा मिल जाता है। इस बीच चोर वारदात को अंजाम देते रहते हैं।
छह थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक वाहन चोरी
वरीय अधिकारी मामलों की समीक्षा करते हैं तो सबसे अधिक वाहन चोरी के बढ़ते मामलों पर थानेदारों को फटकार लगती है। आंकड़ों में सबसे अधिक वाहन चोरी पत्रकारनगर, अगमकुआं, कंकड़बाग, रामकृष्णा नगर, पीरबहोर और गांधी मैदान क्षेत्र में होती है। इन इलाकों में सादे लिबास में पुलिस को भी तैनात करती है, बावजूद कहीं न कहीं बाइक चोरी हो जाती है। पुलिस की मानें तो इन अगमकुआं, पत्रकारनगर, कंकड़बाग जैसे क्षेत्रों में अस्पताल से लेकर कोचिंग सेंटर तथा अन्य बड़ी दुकानें है। लेकिन, पार्किंग की सुविधा न के बराबर। पार्किंग नहीं होने से ज्यादातर बाइक सड़क किनारे खड़ी रहती है, जिस पर किसी की नजर नहीं होती है।
करोड़ों की चोरी, मामूली दाम में की जा रही बिक्री
हाल ही में गांधी मैदान थाने की पुलिस वाहन चोर गिरोह के एक दर्जन से अधिक बदमाशों को चोरी की आधा दर्जन बाइक के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। कोतवाली पुलिस भी चार वाहन चोरों को छह बाइक के गिरफ्तार की। अन्य थानों की पुलिस भी एक दो चोर को गिरफ्तार करते रहती है। बावजूद चोरी थम नहीं रही। आकलन किया जाए तो एक बाइक कम से कम 50 हजार रुपये की होगी, ऐसे में हर महीने तीन सौ बाइक की कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है। छह साल में चोरी बाइक की कीमत करोड़ों में है। लेकिन, चोर इसे पांच से दस हजार रुपये में फर्जी कागजात बनाकर बेच देते हैं। ज्यादातर बाइक दूसरे जिले में बेच दी जाती है।
एसएसपी ने माना, बढ़े हैं मामले
पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि सही है कि बाइक चोरी के मामले बढ़ गए हैं। सभी थाने की पुलिस अपने अपने क्षेत्र में गश्ती बढ़ा दी है। सादे लिबास में संदिग्ध पर नजर रख रही है। चोरों को पकडऩे के लिए विशेष टीम बनाई जा रही है।
छह वर्षों में दर्ज वाहन
चोरी के मामले
2015-2463
2016-1967
2017-3143
2018-3365
2019-3703
2020-3900
कंकड़बाग में तीस मिनट में चोरी हो गई बाइक
जासं, पटना: कंकड़बाग थाना क्षेत्र के एमआइजी कालोनी में अपने अकाउंटेंट से मिलने गए मुन्ना कुमार की बाइक महज तीस मिनट में चोर चुरा ले गए। मुन्ना बेउर थाना क्षेत्र के विशुनपुर पकड़ी के निवासी हैं। वह 17 जून को दोपहर करीब तीन बजे एमआइजी कालोनी में बाइक खड़ी कर अकाउंटेंट से मिलने गए थे। बाइक वहीं फ्लैट के नीचे खड़ी थी। करीब तीस मिनट बाद साढ़े तीन बजे जब लौटे तो बाइक गायब थी। उन्होंने इस मामले में थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।