प्रदेश में 26 को टेलीमेडिसिन सेवा होगी शुरू

पटना। राजधानी समेत प्रदेश के तमाम जिलों के ई-संजीवनी के तहत टेलीमेडिसिन सेवा के शुरुआत की घड़ी आ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 02:10 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 02:10 AM (IST)
प्रदेश में 26 को टेलीमेडिसिन सेवा होगी शुरू
प्रदेश में 26 को टेलीमेडिसिन सेवा होगी शुरू

पटना। राजधानी समेत प्रदेश के तमाम जिलों के ई-संजीवनी के तहत टेलीमेडिसिन सेवा के शुरुआत की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 जनवरी के समारोह में कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग जोरशोर से इसकी तैयारी कर रहा है। राजधानी के संपतचक और पुनपुन प्रखंड के अस्पतालों की एएनएम को इसके लिए प्रशिक्षण देने के साथ टैब, फोर-जी सिम व अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेजों व अन्य अस्पतालों में टेलीमेडिसिन हब बनाने का कार्य भी चल रहा है। पीएमसीएच में बने हब का मुख्यमंत्री जल्द ही उद्घाटन भी कर सकते हैं। फिलहाल, ये सेवा ओपीडी के समय ही उपलब्ध रहेगी हालांकि, बाद में इसे 24 घंटे करने की योजना है। तीसरी बार शुरू हो रही सेवा के लिए किए जा रहे पुख्ता इंतजाम :

प्रदेश में टेलीमेडिसिन का इतिहास करीब दस वर्ष पुराना है। पहली बार वर्ष 2012 में पीएमसीएच में केंद्र बनाकर शुरू किया गया था तो दूसरी बार एम्स पटना ने इसे शुरू किया था। हालांकि, दोनों बार वह सफल नहीं हो सकी। इसे देखते हुए तीसरी बार सरकार पुख्ता इंतजाम करते हुए स्वास्थ्य सेवा की प्रथम कड़ी एएनएम को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रही है।

प्रशिक्षित एएनएम उपलब्ध कराए टैब के सहारे रोगियों को डॉक्टरी परामर्श उपलब्ध कराएंगी। वे जरूरत होने पर र ोगी को अस्पताल भी भिजवाएंगी। इससे अस्पतालों में वही रोगी जाएंगे, जिन्हें सही में जरूरत होगी। बताते चलें कि मेडिकल कॉलेजों में पहुंचने वाले 70 फीसद रोगियों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में संभव होता है।

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क्या होगा फायदा .

-घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श मिलने से रोगियों के समय व धन की बचत होगी।

- कम रोगी पहुंचने से मेडिकल कॉलेज स्तर पर जटिल रोगों के उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा।

- विशेषज्ञ डॉक्टरों को अतिरिक्त समय मिलने से वे शोध में ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। ---------------

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