तेजस्वी बने पार्टी के सीएम उम्मीदवार, कहा- BJP नहीं, JDU है RJD का दुश्मन नंबर वन
राजद ने मंगलवार को खुला अधिवेशन में साफ कर दिया कि तेजस्वी ही सीएम उम्मीदवार हैं। वहीं तेजस्वी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार पर ताबड़तोड़ हमला किया। कहा- जदयू है दुश्मन नंबर 1।
पटना, राज्य ब्यूरो। राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक एवं खुला अधिवेशन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने समर्थकों को तीन बातें साफ-साफ समझा दीं। पहली, राजद की दुश्मन नंबर वन भाजपा नहीं, बल्कि जदयू है। दूसरी कि जदयू उनकी पार्टी को तोडऩे की कोशिश में है और तीसरी, मकर संक्रांति के बाद विधानसभा चुनाव में जीत के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा। पटना के बापू सभागार में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन तेजस्वी यादव ने किया। अध्यक्षता रघुवंश प्रसाद सिंह ने की और संचालन डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने किया। इसी अधिवेशन में तेजस्वी को पार्टी ने सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया।
तेजस्वी यादव ने अपने आधे घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का एक बार भी नाम नहीं लिया, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चर्चा हर लाइन में की। वहीं, नागरिकता संशोधन बिल पर तेजस्वी ने कहा कि भाजपा से ज्यादा नीतीश दोषी हैं। पूरे भाषण में वह नीतीश की तुलना लालू यादव से करते नजर आए। कहा कि नीतीश को सबसे ज्यादा लालू से डर लगता है। अब वह भाजपा और आरएसएस से भी डरने लगे हैं।
राजद में टूट की आशंका जताते हुए तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि चोरी-छुपे उनके विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। नीतीश जी इधर-उधर करेंगे तो उनका घर भी नहीं बचेगा। तेजस्वी ने मकर संक्रांति के बाद आंदोलन का ऐलान किया और नारे भी तय कर दिए। पहला नारा एनडीए हटाओ-देश बचाओ और दूसरा नीतीश हटाओ-बिहार बचाओ।
तेजस्वी ने कहा कि जिस तरह से नीतीश ने नागरिक संशोधन बिल का समर्थन किया, उससे जनता अब उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती। भाजपा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोई अपराधी या भ्रष्टाचारी कमल छाप साबुन से नहा ले तो उसका पाप धुल जाता है। देश में अब केवल लालू प्रसाद और राजद ही भ्रष्ट है। बाकी सब पवित्र हो गए।
गौरतलब है कि इसके पहले राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राजद के राष्ट्रीय सहायक निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन ने लालू यादव के पार्टी प्रमुख चुने जाने की विधिवत घोषणा की। लालू की अनुपस्थिति में निर्वाचन प्रमाणपत्र तेजस्वी यादव एवं तेजप्रताप यादव को सौंपा गया। इस तरह, लालू 11वीं बार राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।