तेजस्‍वी यादव ने नीतीश कुमार व सोनिया गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं को लिखा खत, जाति जनगणना पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा

Bihar Politics तेजस्वी ने अपने पत्र को इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया है। विभिन्न जातियों की संख्या जानना कैसे देशहित में है और केंद्र सरकार का रवैया क्यों नकारात्मक है। तेजस्वी यादव ने सभी दलों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए आगे आने की अपील की है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 01:29 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 02:28 PM (IST)
तेजस्‍वी यादव ने नीतीश कुमार व सोनिया गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं को लिखा खत, जाति जनगणना पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा
नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी और तेजस्‍वी यादव। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: जातिगत जनगणना (Caste Based Census) के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए राजद ने पूरी तैयारी कर ली है। जदयू को रुख स्पष्ट करने के लिए तीन दिनों का अल्टीमेटम देने के बाद शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने देश के विभिन्न दलों के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है और समर्थन मांगा है। पत्रों की फेहरिश्त में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से लेकर वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) तक शामिल हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं को नजरअंदाज किया है। आपको बता दें कि 2021 की जनगणना में जातियों की गिनती शामिल करने के मसले पर तेजस्‍वी ने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) और अन्‍य नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की थी।

भाजपा और केंद्र सरकार की आलोचना

तेजस्वी ने अपने पत्र को इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया है। बताया है कि विभिन्न जातियों की संख्या जानना कैसे देशहित में है और केंद्र सरकार का रवैया क्यों नकारात्मक है। तेजस्वी यादव ने सभी दलों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के पास एक भी तर्कसंगत कारण नहीं है। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को भी इस मुद्दे पर विचार करने के लिए तीन दिनों की मोहलत दी है और कहा है कि उसके बाद महागठबंधन अपना अलग एक्शन प्लान तैयार करेगा।

तेजस्वी ने भाजपा छोड़ सभी दलों के प्रमुख नेताओं को लिखा पत्र

तेजस्वी ने जिन प्रमुख नेताओं को पत्र लिखा है, उनमें सोनिया गांधी, शरद पवार (Sharad Pawar), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), मायावती (Mayavati), एमके स्टालिन, ममता बनर्जी (Mamta Banarjee), सीताराम येचुरी, डी राजा, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक, चरणजीत सिंह चन्नी, प्रकाश सिंह बादल एवं फारुख अब्दुल्ला शामिल हैं।

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