बिहारः इस सीता को झेलना पड़ा 14 दिनों का वनवास, कोर्ट के आदेश पर पहुंच ही गई राम के पास
बिहार के गोपालगंज की एक युवती 26 जून को प्रेमी के साथ घर से भाग निकली। पुलिस ने बरामद कर कोर्ट में पेश किया। वहां उसने अपहरण से इंकार करते हुए अपने प्रेमी के साथ रहने की बात कही। तब कोर्ट ने भी यह फैसला दिया।
भोरे (गोपालगंज), संवाद सूत्र। प्रेम प्रसंग (Love Affair) के एक मामले में कोर्ट के अनूठे फैसले (Unique Decision of Court) की चर्चा हो रही है। आखिरकार सीता को उसका प्रेम मिल गया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने युवती को उसके प्रेमी के हवाले कर दिया। मामला भोरे थाना क्षेत्र के भदवहीं गांव का है। गांव की सीता अपने प्रेमी संग फरार हो गई थी। उसके पिता ने अपहरण का केस दर्ज कराया। बरामद कर कोर्ट लाई गई किशोरी ने कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ है। उसने बताया कि आरोपित से वह प्रेम करती है। उसी के साथ जिंदगी गुजारना चाहती है। लेकिन मसला फंस रहा था उम्र का। क्योंकि वह नाबालिग थी। बालिग होने में 14 दिन का समय शेष था। तब कोर्ट ने जो आदेश दिया, वह इस प्रेमी जोड़े के लिए वरदान साबित हुआ।
26 जून को घर से गायब हुई थी सीता
बताया जाता है कि भदवहीं गांव निवासी राजू राम की पुत्री सीता कुमारी 26 जून को अपने घर से अचानक गायब हो गई थी। इस मामले को लेकर राजू राम ने अपने ही गांव के निवासी राकेश राम सहित छह के खिलाफ अपनी बेटी के अपहरण करने का आरोप लगाते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना के एक सप्ताह के अंदर अपहृत युवती को बरामद कर लिया।
बालिग होने में बाकी था 14 दिन
उसे कोर्ट में पेश किया गा। बताया जाता है कि कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए युवती ने अपहरण की बात को झूठा करार दिया। अपने प्रेमी के संग रहने की इच्छा जताई। लेकिन युवती के बालिग होने में 14 दिन कम था। इसको देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया। युवती को 14 दिन तक रिमांड होम में रखने के बाद उसे प्रेमी को सौंपने का आदेश दिया। रिमांड होम में 14 दिन की अवधि पूरा होने के बाद शनिवार को युवती को लेकर थाना परिसर पहुंची तथा उसे उसके प्रेमी के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद राकेश अपनी प्रेमिका को लेकर अपने घर चला गया।