बिहार में स्कूलों से गायब रहने वाले गुरुजी हो जाएं सावधान, शिक्षा मंत्री बोले- एबसेंट हुए तो कटेगा वेतन
विद्यालयों से गायब रहने वाले शिक्षकों का कटेगा वेतन। शिक्षा मंत्री बोले- शिक्षक विद्यालयों में शत-प्रतिशत दें योगदान नहीं तो होगी सख्त कार्रवाई। शिक्षा विभाग ने गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों की जिलों से मंगाई रिपोर्ट। अब सख्ती के मूड में सरकार।
पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने प्रारंभिक विद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों (Primary and High Schools) में बिना सूचना के गायब रहने वाले शिक्षकों को गंभीरता से लिया है। ऐसे शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर है और जिलों से संबंधित शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद उसकी समीक्षा होगी और फिर वेतन कटौती का आदेश भी जारी होगा।
बच्चों की पढ़ाई में लापरवाही स्वीकार नहीं
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Minister of Education department Vijay Kumar Chowdhry) ने कहा कि अफसरों के निरीक्षण में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 165 शिक्षक बिना उचित कारण बताए गायब पाए गए हैं। यह गंभीर मामला है। शिक्षकों को विद्यालयों में शत-प्रतिशत योगदान करना होगा। बच्चों की पढ़ाई प्राथमिकता है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
लापरवाह शिक्षकों को चिह्नित कर होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए शिक्षक बहाल हैं और उन्हें अपना योगदान देना होगा। प्रारंभिक विद्यालयों में भी अफसरों को निरीक्षण कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था की निगरानी और निरीक्षण सुनिश्चित कराई जा रही है। लापरवाही पर शिक्षकों को चिह्नित कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
गुणात्मक शिक्षा पर लगातार जोर दे रही है सरकार
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुणात्मक शिक्षा पर लगातार जोर दे रही है और विद्यालयी शिक्षा में बदलाव लाने में जुटी है। इसमें लापरवाही पाए जाने पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा कि बिहार के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के गुणात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। एक-एक बिंदु पर बारीकी से नजर रखते हुए उनका कार्यान्वयन किया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने के प्रयास में सरकार जुटी है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सवाल पूछा था कि स्कूलों की सूरत कैसे बदलेगी। कितने क्लास वन अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। उसकी सूची भी कोर्ट ने तलब की थी। ऐसे में सरकार भी अब किसी तरह की नरमी के मूड में नहीं है।