बिना वेतन के दशहरा मनाने को मजबूर हैं शिक्षक, बक्‍सर में आवंटन के बाद भी नहीं हुआ भुगतान

Buxar Ka Update News जेब में फूटी कौड़ी नहीं गुरुजी परिवार संग कैसे घूमेंगे मेला नियमित ढाई सौ शिक्षकों का दो माह करीब 5 सौ शिक्षकों को एक माह से लंबित है वेतन नियोजित शिक्षकों को भी दो माह से नहीं हुआ वेतन का भुगतान

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:40 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:40 AM (IST)
बिना वेतन के दशहरा मनाने को मजबूर हैं शिक्षक, बक्‍सर में आवंटन के बाद भी नहीं हुआ भुगतान
बक्‍सर के शिक्षकों काे दशहरा में भी नहीं मिली सैलरी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बक्सर, जागरण संवाददाता। दशहरा आ गया लेकिन शिक्षकों के जेब में फूटी कौड़ी नहीं है। विभागीय लापरवाही के कारण आवंटन रहने के बाद भी उन्हें वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इससे नियमित एवं नियोजित दोनों संवर्ग के शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। ऐन मौके पर शिक्षक वेतन के लिए विभाग का चक्कर काट रहे हैं। हालांकि, उसके बाद भी मंगलवार तक उनका भुगतान नहीं हुआ था। नियमित शिक्षकों ने बताया कि नियमित संवर्ग में करीब ढाई सौ शिक्षकों को दो माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है तो करीब पांच सौ शिक्षक एक माह से वेतन की टकटकी लगाए बैठे हैं। उसके बाद भी उन्हें वेतन भुगतान नहीं हो रहा है।

वेतन को लेकर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष के डी सिंह ने दुर्गा पूजा के मौके पर नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण से मुलाकात की। शिक्षक नेता मुक्तेश्वर प्रसाद भी इस मुद्दे को लेकर डीईओ से मिले। परंतु, उसके बाद भी सकारात्मक काम नहीं हुआ। इन शिक्षक नेताओं ने बताया कि वेतन के अभाव में शिक्षकों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय हो गई है।

आर्थिक तंगी से शिक्षकों को जूझना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में शिक्षक अपना पर्व कैसे मनाएंगे। के डी सिंह ने बताया कि डीईओ ने पूजा से पहले वेतन भुगतान का आश्वासन दिया है। अब देखना है शिक्षकों को कब भुगतान होता है। इस संबंध में पूछे जाने पर डीईओ अमर भूषण ने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण उनका भुगतान नहीं हो पाया। हालांकि, बैंक में पैसा चला गया है।

चर्चा का विषय बनी शिक्षक की अबसेंटी

वेतन को लेकर सदर प्रखंड के एक शिक्षक की अबसेंटी चर्चा का विषय बन गई है। शिक्षक सूत्रों का कहना है कि डीईओ के करीबी एक शिक्षक की डीपीओ स्थापना द्वारा हाजिरी काट दिए जाने और उनके भुगतान पर रोक लगा दिए जाने के बाद डीईओ ने तब तक के लिए सबकी अबसेंटी रोकने का निर्देश बीईओ को दे दिया जब तक कि वह संबंधित  शिक्षक का मामला क्लीयर न करा लें। लेकिन डीईओ मामला भी क्लीयर नहीं करा पाए और उसी चक्कर में अन्य सभी शिक्षकों का वेतन भी बाधित रह गया।

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