Teacher Recruitment: चार सर्टिफिकेट पर आठ शिक्षकों का चयन, बक्सर में सामने आई गड़बड़ी
Bihar Teacher Recruitment बक्सर में चार प्रमाणपत्रों पर चयनित हो गए आठ शिक्षक अभ्यर्थी कठघरे में चौसा नावानगर चौंगाई डुमरांव और बक्सर नियोजन इकाई सिवान से शिक्षक अभ्यर्थी ने बक्सर डीईओ को फोन कर खोली फर्जीवाड़े की पोल
बक्सर, जागरण संवाददाता। Bihar Teacher Recruitment: बिहार में चल रही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में फर्जीवाड़े की कोशिश से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। दिलचस्प बात है कि फर्जी कागजातों के आधार पर ढेरों लोगों का चयन भी हो गया है। चयन के बाद ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अमीरूल हसन की पुत्री शगुफ्ता परवीन ने शिक्षक नियोजन के लिए उर्दू विषय से फार्म भरा था। इनका ग्रेड बेसिक और कोटि यूआरएफ (अनारक्षित महिला) का चयन प्रखंड नियोजन इकाई चौसा और नावानगर दोनों जगहों पर हो गया है। रिंकू कुमारी पिता केशो प्रसाद का ग्रेड भी बेसिक है। इनका विषय सामान्य है और इनका नियोजन डुमरांव और चौंगाई दोनों जगहों पर प्रखंड नियोजन इकाइयों में हुआ है। हालांकि, डुमरांव में एससी और चौंगाई में यूआरएफ कोटि में इनका चयन हुआ है।
असली आवेदक हो रहे हैरान
हम बात कर रहे हैं शिक्षक नियोजन में हुए उस फर्जीवाड़े की जिसमें चार सर्टिफिकेट पर आठ लोगों के नाम विभिन्न नियोजन इकाइयों की चयनित सूची में शामिल हो गए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण की जांच में इस फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। अभ्यर्थियों के होश उड़े हुए हैं। पवन कुमार को ही लें तो वह एससी कोटि से है। इनका ग्रेड बेसिक और विषय सामान्य है। इनका चयन चौगाई में प्रखंड नियोजन इकाई तथा बक्सर के उमरपुर में पंचायत नियोजन इकाई में हुआ है।
फर्जीवाड़े में शामिल लोगों को बुलावा
इसी तरह यूआरएफ कोटि से सबा नाज का ग्रेड स्नातक और विषय उर्दू है। इनका चयन नावानगर और चौसा दोनों प्रखंड नियोजन इकाइयों में हुआ है। फर्जीवाड़े के बाद चौसा, नावानगर, चौंगाई, डुमरांव और बक्सर की नियोजन इकाइयां सवालों के घेरे में आ गई हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि फर्जीवाड़े में शामिल सभी 121 लोगों को जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर 14-15 एवं 16 सितंबर को बुलाया गया है।
यासमीन फातिमा ने सिवान से किया डीईओ को फोन
यासमीन फातिमा भी शिक्षक नियोजन अभ्यर्थी हैं। इनका चयन सिवान में हुआ है। इनके नाम पर भी क्लोन बन गया है। जानकारी उन्होंने खुद फोन कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी। उन्होंने डीईओ को बताया कि दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को पढऩे के बाद जब उन्होंने एनआइसी की वेबसाइट पर चयनित सूची का अवलोकन किया तो पता चला कि बक्सर की सूची में भी उनके नाम पर किसी अभ्यर्थी ने इंट्री मार ली है। यासमीन ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को बताया कि उन्होंने 40 जगहों पर आवेदन दिया था और सिवान में उनका चयन हुआ है। डीईओ ने बताया कि इस मामले की जांच भी की जाएगी, वह कौन है जिन्होंने यासमीन के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया।