फिल्म इंडस्ट्री में दोस्त कम, धोखा है ज्यादा : रविकिशन
पटना। सिनेमा या अभिनय भी एक प्रकार की तपस्या है। हरेक बड़ा कलाकार सिनेमा के हवन कुंड में तपकर निखरता है।
पटना। सिनेमा या अभिनय भी एक प्रकार की तपस्या है। हरेक बड़ा कलाकार सिनेमा के हवन कुंड में तपकर खरा सोना बनता है। एक सच्चा कलाकार प्रकृति व इंसान सभी से जुड़ा होता है। उसके अंदर छोटे-बड़ों का कोई भेद नहीं होता। तभी तो कलाकारों को फकीर भी कहा जाता है और फकीरी हरेक इंसान के अंदर होनी चाहिए। भोजपुरी व हिदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाने वाले फिल्म अभिनेता व सांसद रविकिशन ने मंगलवार को उक्त बातें वेबिनार में कहीं।
प्रभा खेतान फाउंडेशन व एहसास वूमेन ऑफ पटना की ओर से आयोजित कार्यक्रम 'एक मुलाकात' के तहत अभिनेता रविकिशन दर्शकों से रूबरू थे। उनसे बातचीत कथक नृत्यांगना शिजिनी कुलकर्णी ने की। शिजनी ने बातचीत के दौरान रविकिशन से भोजपुरी व बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्रीज के साथ उनकी लाइफ ऑफ जर्नी से संबंधित प्रश्न किए। अभिनेता ने कहा कि अभिनय को तराशने के लिए साधना की भट्ठी में तपकर खुद के साथ दूसरे को भी बेहतर इंसान बनाया। आज उसी मेहनत का फल है कि भोजपुरी इंडस्ट्री को एक पहचान मिली। फिल्म इंडस्ट्री के जरिए कई लोगों को रोजगार मिले। बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने को लेकर संघर्ष करता रहा। पहचान बनाने के लिए अपने आप से लड़ता रहा, जो आज भी जारी है। उन्होंने कहा, सांसद होने से पहले एक कलाकार हूं। अभिनय की भूख हमेशा से रही है और रहेगी। किसी भी हाल में सिनेमा को नहीं छोड़ सकता। राजनीति का काम भी ईमानदारी से करता आ रहा हूं। संसद में ड्रग्स को लेकर मैंने आवाज उठाई, जो जनता की आवाज थी। उसके कारण फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी हमसे दूर हो गए। इंडस्ट्री में सच्चे दोस्त मिलना मुश्किल है। सभी प्रोफेशनल हैं। यहां दोस्त कम धोखा ज्यादा है। कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन की अन्विता प्रधान व शर्मिता भिडर ने स्वागत करते हुए संचालन किया।