बिहार में दागी अफसर को मिला बालू खनन रोकने का जिम्मा, भ्रष्टाचार मामले में आरोपित हैं अधिकारी

नए एसडीपीओ विनोद कुमार राउत भ्रष्टाचार के मामले में पहले से आरोपित हैं जिसकी जांच गृह विभाग के निर्देश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपी गई है। सब-इंस्पेक्टर से प्रमोशन पाकर डीएसपी बने विनोद कुमार राउत बिहार से पहले झारखंड में भी तैनात थे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:17 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:17 PM (IST)
बिहार में दागी अफसर को मिला बालू खनन रोकने का जिम्मा, भ्रष्टाचार मामले में आरोपित हैं अधिकारी
बिहार में बालू खनन रोकने के लिए दागी अफसर को जिम्मा सौंपा गया है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : बालू के अवैध खनन मामले में हटाए गए अफसरों की जगह भेजे गए नए अफसर भी दागी मिले हैं। ताजा मामला डेहरी आन सोन के एसडीपीओ का है। नए एसडीपीओ विनोद कुमार राउत भ्रष्टाचार के मामले में पहले से आरोपित हैं, जिसकी जांच गृह विभाग के निर्देश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपी गई है। 

सब-इंस्पेक्टर से प्रमोशन पाकर डीएसपी बने विनोद कुमार राउत बिहार से पहले झारखंड में भी तैनात थे। सूत्रों के अनुसार, धनबाद जिले के तोपचाची के थानेदार रहते भी उनपर गंभीर आरोप लगे थे। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में विनोद कुमार राउत के खिलाफ जो जांच चल रही है वह मामला पांच साल पहले का है। तब वह जमुई के झाझा अनुमंडल के एसडीपीओ के पद पर तैनात थे। उनके खिलाफ अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने के बाद गृह विभाग ने जांच का आदेश दिया था। इसके बाद झाझा एसडीपीओ के पद से हटाते हुए उनका तबादला विशेष शाखा में किया गया था। अभी विशेष शाखा से ही उन्हें डेहरी का एसडीपीओ बनाकर भेजा गया है। 

41 अफसरों में चार एसडीपीओ

बालू का अवैध खनन रोकने में नाकाम रहने पर पुलिस और प्रशासन के 41 अधिकारियों पर गाज गिरी है। इनमें भोजपुर व औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी के साथ पालीगंज, डेहरी आन सोन, आरा और औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ भी शामिल थे। 18 जुलाई को इन्हीं चार जगहों पर नए एसडीपीओ की तैनाती पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई है, जिसमें डेहरी एसडीपीओ भी शामिल हैं।

घाट से निकलने वाले हर बालू लदे वाहनों की होगी जांच

परिवहन विभाग ने जिला परिवहन पदाधिकारियों और मोटरयान निरीक्षकों को बालू लदे वाहनों की जांच पर विशेष ध्यान देने को कहा है। घाट से निकलने वाले सभी बालू लदे वाहनों को जांच करने का निर्देश दिया गया है। चालान व ओवरलोडिंग जांच के बाद ही गाड़ियों को बालू घाटों से बाहर निकलने की मंजूरी दी जाए। डीटीओ को निर्देश दिया गया है कि आम लोगों के लिए बालू लेकर जाने वाली गाड़ियों के चालान की भी जांच की जाए। चालान में बालू लदान का जिक्र होता है, इसलिए उसकी जांच की जाये कि गाड़ियों में उतना ही बालू है या उससे अधिक है। अगर कोई गाड़ी ओवरलोड हो और उसके पास चालान में गड़बड़ी हो तो उस गाड़ी को तुरंत जब्त कर लिया जाए। साथ ही, ऐसे वाहन मालिकों पर नियमानुसार जुर्माना लगाया जाए। अवैध बालू खनन के मसले पर परिवहन विभाग तीन डीटीओ व दो एमवीआइ पर कार्रवाई कर चुका है।

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