स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2022: नवंबर से बिहार में शुरू जाएगा तीसरा चरण, सबसे महत्‍वपूर्ण होगा यह सर्वेक्षण

शहरी निकायों के स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का तीसरा व महत्वपूर्ण चरण नवंबर से शुरू हो जाएगा। इसमें आबादी के अनुसार शहरों को परखा जाएगा। तीन हजार अंकों के इस चरण में सर्वाधिक 1200 अंक कचरे की प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर दिए जाएंगे।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 10:19 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 10:19 AM (IST)
स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2022: नवंबर से बिहार में शुरू जाएगा तीसरा चरण, सबसे महत्‍वपूर्ण होगा यह सर्वेक्षण
नवंबर में शुरू होगा स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2022। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो।  शहरी निकायों के स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का तीसरा व महत्वपूर्ण चरण नवंबर से शुरू हो जाएगा। इसमें आबादी के अनुसार शहरों को परखा जाएगा। तीन हजार अंकों के इस चरण में सर्वाधिक 1200 अंक कचरे की प्रोसेसिंग व डिस्पोजल, नौ-नौ सौ अंक उसके वर्गीकरण व स्थायी स्वच्छता की स्थिति पर मिलेंगे।नगर विकास एवं आवास विभाग ने सभी शहरी निकायों को इस बाबत टूल किट देकर तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया है। तीन महीने तक शहरी निकाय स्वच्छ पोर्टल पर डेटा अपलोड करेंगे। फरवरी में केंद्रीय टीम निकायों में आकर उपलब्ध डाटा का सत्यापन करने के साथ ही सैंपल जांच व नागरिकों से सीधी राय लेगी। रैंकिंग दो तरीके से होगी। पहले में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की जोनल रैंकिंग जबकि दूसरे में एक लाख से ऊपर वाले शहरों में दो भाग (एक से दस लाख व दस लाख से ऊपर) की रैंकिंग की जाएगी। 

कचरे की प्रोसेसिंग पर सबसे अधिक अंक

कचरे की प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर सर्वाधिक 1200 अंक का प्रावधान है। इसमें गीले व सूखे कचरे के निबटारे, सूखे कचरे की प्रोसेसिंग की क्षमता आदि की परख होगी। इसमें कचरे का निबटान कर उसका पुन: इस्तेमाल करने वाले निकायों को अधिक अंक मिलेंगे। कचरे के बेहतर प्रबंधन पर 900 अंक मिलेंगे। इसमें कचरे के वर्गीकरण व कलेक्शन पर फोकस होगा। निकायों से निकलने वाले कुल कचरे में निगम द्वारा इकट्ठा किये जाने वाले कचरे की स्थिति भी परखी जाएगी।

कई अन्‍य मानकों पर भी परखी जाएगी स्‍वच्‍छता

शहर में प्लास्टिक थैले व प्लास्टिक उत्पादों के इस्तेमाल, बिक्री व भंडारण की स्थिति, सफाईकर्मियों के साथ ही शहर की व्यवस्था से जुड़े स्वयं सहायता समूह, एनजीओ, निजी एजेंसी के कर्मियों को दी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर भी अंक देने की व्यवस्था की गई है। स्थायी स्वच्छता में घर व सार्वजनिक संस्थानों की सीवरेज से कनेक्टिविटी, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता के अनुसार स्थिति, गंदे पानी की ट्रीटमेंट व सार्वजनिक शौचालय आदि की स्थिति के आधार पर अंक मिलेंगे।

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