बिहार में सुशील मोदी बोले- राजद और कांग्रेस के कारण मेडिकल नामांकन में ओबीसी को नहीं मिला आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट के 2007 के उस फैसले को कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार जिसमें राजद भी शामिल था चुनौती नहीं दी। यही वजह रहा कि मेडिकल नामांकन के आल इंडिया कोटे में आरक्षण के लाभ से ओबीसी अब तक वंचित है।
पटना, राज्य ब्यूरो। ऑल इंडिया कोटे से मेडिकल (यूजी व पीजी) के नामांकन में ओबीसी को आरक्षण का लाभ देने पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सहमति दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी को बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही ओबीसी को इसका शीघ्र लाभ दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के 2007 के उस फैसले को कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार जिसमें राजद भी शामिल था चुनौती नहीं दी। यही वजह रहा कि मेडिकल नामांकन के आल इंडिया कोटे में आरक्षण के लाभ से ओबीसी अब तक वंचित है।
गौरतलब है कि 2017 के बाद से देशभर के मेडिकल कालेजों में एडमिशन के लिए नीट परीक्षा आयोजित की जाती है। मेरिट लिस्ट की 85 फीसद सीट राज्यों व 15 फीसद आल इंडिया कोटे के तहत केंद्र को दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट के 2007 के एक आदेश के तहत आल इंडिया कोटे की 15 फीसद सीटों पर होने वाले नामांकन में एससी को 15 और एसटी को 7.5 फीसद आरक्षण का लाभ तो मिलता है, मगर ओबीसी के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, राज्य सरकारें 85 फीसद सीटों पर अपनी नीति के तहत एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देती हैं।