Student Credit Card: स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ लेने में तकनीकी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी सबसे आगे
Student Credit Card in Bihar तकनीकी शिक्षा के 64 फीसद सामान्य पाठ्यक्रम के 16 फीसद और व्यावसायिक कोर्स के 20 फीसद छात्रों के आवेदन पटना मुजफ्फरपुर नालंदा रोहतास गया और सारण पहले से छठे नंबर के जिलों में शुमार
पटना, राज्य ब्यूरो। Education in Bihar: प्रदेश में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (Student credit card scheme in Bihar) योजना का लाभ लेने में तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थी (Technical education in Bihar) सबसे आगे हैं। शिक्षा ऋण पर ब्याज दर सबसे कम, सिर्फ 4 फीसद है। बीटेक, एमटेक, पालीटेक्निक और एमसीए आदि तकनीकी पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की दिलचस्पी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में तेजी से बढ़ रही है। 31 दिसंबर 2019 तक इस योजना के तहत 15,768 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है। जबकि 10,456 आवेदनों के निष्पादन की प्रक्रिया चल रही है।
खास बात यह कि पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, रोहतास, गया और सारण पहले से छठे नंबर के जिलों में शुमार रहा। योजना के प्रभारी अरविंद सिन्हा के मुताबिक कोविड-19 के चलते इस बार अन्य राज्यों में पढ़ाई के लिए जाने वाले बिहार के विद्यार्थियों पर साफ असर पड़ा है। शायद इसके चलते आवेदनों की संख्या कम है। वैसे अभी भी आवेदन आ रहे हैं। अबतक जो आवेदन आए हैं उनमें तकनीकी शिक्षा के 64 फीसद, सामान्य पाठ्यक्रम के 16 फीसद और व्यावसायिक कोर्स के 20 फीसद विद्यार्थियों के आवेदन शामिल हैं। चालू वित्तीय वर्ष में 1 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण देने का लक्ष्य रखा है। प्रयास है कि जो भी आवेदक पूरे शैक्षणिक दस्तावेज के साथ आएं, उन्हें शिक्षा ऋण मुहैया कराने में देरी न हो। वर्ष 2018-19 में 35 हजार लाभार्थियों को 307.47 करोड़ शिक्षा ऋण दिया गया। इनमें सामान्य वर्ग के 13870, पिछड़ा वर्ग के 12689, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 4599, एससी के 3863 और एसटी के 741 विद्यार्थी शामिल थे।
योजना का लाभ लेने के लिए यह है प्रावधान
लाभार्थी बिहार का निवासी हो। राज्य के शिक्षण संस्थान तथा सीमावर्ती प्रदेशों के संस्थानों से 12वीं कक्षा पास किया हो। आवेदक की अधिकतम उम्र 25 साल हो। स्नातकोत्तर के लिए 30 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में नामांकित हो या नामांकन के लिए चयनित हो। विद्यार्थी जिस संस्थान के हों वह बिहार एवं अन्य राज्य या केंद्र सरकार के संबंधित नियामक एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो। शिक्षा ऋण का लाभ सभी वर्गों और आय समूहों के लिए है। कर्ज की अधिकतम राशि चार लाख रुपये है। सामान्य छात्रों के लिए शिक्षा ऋण पर सालाना 4 फीसद ब्याज दर है। दिव्यांग, बालिका और ट्रांसजेंडर के लिए ब्याज दर मात्र एक फीसद है। पाठ्यक्रम समाप्त होने के एक वर्ष बाद या नियोजित होने के अधिकतम 6 माह के बाद ब्याज दर प्रभावी होता है।