बिहार में पुल न होने से अजब परेशानीः नाव से विदा होतीं बेटियां, यूपी की सड़कों से तय होती डगर

गोपालगंजः कटेया प्रखंड की बैरिया पंचायत के ग्रामीण फिर नदी पर चचरी का पुल बनाने के लिए चंदा जुटा रहे हैं। पुल नहीं होने से इस गांव में बेटियों की नाव से विदाई की जाती हैं। यूपी की सड़कों से यहां के लोगों की डगर तय होती है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 10:53 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 10:53 AM (IST)
बिहार में पुल न होने से अजब परेशानीः नाव से विदा होतीं बेटियां, यूपी की सड़कों से तय होती डगर
नाव से खनुआ नदी पार करते लोग व चचरी पुल बनाते ग्रामीण।

सुनील चौबे, कटेया (गोपालगंज) : कटेया प्रखंड की बैरिया पंचायत के ग्रामीण फिर नदी पर चचरी का पुल बनाने के लिए चंदा जुटा रहे हैं। इस पंचायत के तीन राजस्व गांव तथा आठ टोले मेंं बसी आठ हजार की आबादी के लिए हर साल बरसात बाद चचरी पुल बनता है। पुल नहीं होने से इस गांव में बेटियों की नाव से विदाई की जाती हैं। यूपी की सड़कों से यहां के लोगों की डगर तय होती है। जब नदी में उफान रहता है, तब न तो नाव चल पाती है और न चचरी पुल टिकता है।  

यूपी की सीमा से जुड़ी इस पंचायत के ग्रामीण दशकों से खनुआ नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। बैरिया पंचायत कहने को तो कटेया प्रखंड में है, लेकिन यह उत्तर प्रदेश की गोद में ही बसी है। खनुआ नदी ने इस पंचायत को प्रखंड मुख्यालय से काट दिया है। बैरिया पंचायत के डुमरौना के राजभर टोला के कैलाश राजभर, कुबेर राजभर, रामाधार राजभर, विनोद राजभर, मुन्ना राजभर ने बताया कि चचरी पुल से वाहन नहीं गुजर पाते। पंचायत में शादी के बाद पहली बार बेटियां वाहन में बैठकर यूपी की सड़क से होकर ससुराल जाती हैं। लेकिन, बाद में मायके आने पर नाव से विदा करना पड़ता है।

बोले मुखिया

पंचायत के मुखिया बृजबिहारी कुशवाहा ने बताया कि इस पंचायत में तीन राजस्व गांव बुढिय़ा बारी, पकड़ी व बैरिया तथा खडही, रामपुर, मेहीया, महूइ, नवलपुर, हुसैनपुर, राधे टोला व बसड़ा टोला पड़ते हैं। नदी पर पुल नहीं होने से आठ हजार आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

नाव या चचरी पुल से नदी पार कर पहले बेलही पंचायत पहुंचते ग्रामीण

बैरिया पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि इस पंचायत से प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए तीन रास्ते हैं। पहला खनुआ नदी है। ग्रामीण नाव या चचरी पुल से नदी पार कर बेलही पंचायत पहुंचते हैं। उसके बाद वाहन पकड़कर या पैदल चार किलोमीटर दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं। दूसरा रास्ता उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से होकर जाता है। ग्रामीण यूपी की सड़क पकड़ केडी चौराहा, रामनगर होते हुए पकहां बाजार से जिले की सीमा में पहुंचे हैं तथा 18 किलोमीटर दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय जाते हैं। तीसरा रास्ता जिले के विजयीपुर प्रखंड से होकर जाता है। 17 किलोमीटर दूरी तय कर ग्रामीण विजयीपुर प्रखंड के मझवलिया होते हुए प्रखंड मुख्यालय जाते हैं। 

बोले बीडीओ

बीडीओ राकेश कुमार चौबे कहते हैं कि खनुआ नदी पर डुमरौना तथा बैरिया पंचायत के बीच पुल आवश्यक है। पुल निर्माण के लिए अधिक बजट की आवश्यकता है, जो पंचायत और प्रखंड स्तर से संभव नहीं है। 

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