बिहार के स्टेट हाइवे अब नेशनल हाइवे में होंगे अपग्रेड, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़कों की सूची मांगी

बिहार के कई स्टेट हाइवे अब नेशनल हाइवे में अपग्रेड किए जाएंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए सड़कों की सूची मांगी है। केंद्र सरकार की गति-शक्ति योजना के तहत बड़ी संख्या में एनएच का निर्माण होना है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 02:48 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 02:48 PM (IST)
बिहार के स्टेट हाइवे अब नेशनल हाइवे में होंगे अपग्रेड, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़कों की सूची मांगी
बिहार के स्टेट हाइवे नेशनल हाइवे में होंगे अपग्रेड। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के कई स्टेट हाईवे (State Highway) नए सिरे से नेशनल हाइवे (National Highway) में अपग्रेड होंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) से वैसी सड़कों की सूची मांगी है, जिन्हें वह एनएच (NH) में अपग्रेड कराए जाने को इच्छुक है। ऐसी लगभग आधा दर्जन सड़कों का चयन स्टेट हाइवे की उन सड़कों से किया जाना है जिन्हें पूर्व में एनएच में लिए जाने को ले सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी थी। केंद्र सरकार की गति-शक्ति योजना (Gati-Shakti Yojana) के तहत बड़ी संख्या में एनएच का निर्माण होना है, जिसके लिए पूर्व में एनएच में अपग्रेड किए जाने की सहमति वाली सड़कों की सूची तलाशी जा रही है।

50 से अधिक सड़कों को छह वर्ष पहले मिली थी सैद्धांतिक सहमति

लगभग छह वर्ष पहले 50 से अधिक स्टेट हाइवे को एनएच में अपग्रेड किए जाने को सैद्धांतिक सहमति मिली थी। दो चरणों में स्टेट हाइवे को एनएच में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी। इनमें कई ऐसे स्टेट हाइवे भी शामिल थे जो कई एनएच से बेहतर तरीके से मेंटेन थे। राज्य सरकार ने ऐसी सड़कों को एनएच में अपग्रेड किए जाने के लिए देने से मना कर दिया था। इसके बाद अन्य सड़कों का मामला भी बीच में अटक गया था। स्टेट हाइवे को एनएच में बनाए जाने को ले कुछ सड़कों का डीपीआर भी बना था पर मामला अटका हुआ था।

गति-शक्ति योजना की वजह से तलाशी जा रही पुरानी सड़कों की सूची

केंद्र सरकार की गति-शक्ति योजना के तहत बड़ी संख्या में एनएच का निर्माण किया जाना है। इसी वजह से उन सड़कों की सूची तलाश की जा रही है, जिन्हें पूर्व में एनएच में अपग्रेड किए जाने को ले सैद्धांतिक सहमति मिली थी। इस श्रेणी के तहत लगभग 400 किमी सड़कों का निर्माण संभव है। संभव है कि एनएचएआई की जगह इन सड़कों का निर्माण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की देखरेख में कराया जाए।

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