'बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार' के लिए मानक तय, पोर्टल के जरिए होगा सभी स्‍कूलों का मूल्‍यांकन

चयनित विद्यालय को बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। सरकार को उम्‍मीद है कि इससे बच्‍चों और उनके परिवारों में भी स्‍वच्‍छता के प्रति जागरुकता की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी। यह पुरस्कार 22 मार्च को शिक्षा दिवस समारोह में दिया जाएगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:56 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:56 AM (IST)
'बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार' के लिए मानक तय, पोर्टल के जरिए होगा सभी स्‍कूलों का मूल्‍यांकन
शिक्षा दिवस पर चयनित विद्यालय को मिलेगा सम्मान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार सरकार स्वच्छता अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को प्रखंड, जिला व राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित करेगी। यह पुरस्कार 22 मार्च को शिक्षा दिवस समारोह में दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी 80 हजार प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में स्वच्छता अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत पुरस्कार के लिए विद्यालयों का चयन तय मानकों के आधार पर होगा। चयनित विद्यालय को 'बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा। सरकार को उम्‍मीद है कि इससे बच्‍चों और उनके परिवारों में भी स्‍वच्‍छता के प्रति जागरुकता की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी।

शत प्रतिशत विद्यालयों का रजिस्‍ट्रेशन कराने का लक्ष्‍य

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना में शत-प्रतिशत सरकारी विद्यालयों का पंजीकरण होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के अंतर्गत विद्यालयों में राज्य विशेष जल, स्वच्छता एवं साफ-सफाई मानदंड प्रणाली नाम से पोर्टल लांच किया गया है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि स्वच्छता अभियान में शत-प्रतिशत विद्यालय शामिल हों।

शिक्षकों और विद्यार्थियों को हाथ धोने के लिए किया जाएगा जागरूक

उन्होंने बताया कि प्रत्येक विद्यालय में साफ-सफाई और स्वच्छता का आकलन के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के हाथ धोने और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को भी देखा जाएगा। इसमें यूनिसेफ की टीम भी मदद करेगी। ग्रामीण इलाकों में संचालित सरकारी विद्यालय को नल-जल योजना से जोडऩे का निर्देश दिया गया है। विद्यालयों में स्वच्छता अभियान की शुरुआत शिक्षकों से शुरू हुई है, ताकि शिक्षकों का अनुसरण बच्चे करें। यदि  शिक्षक सफाई का ध्यान रखेंगे और हाथ धोएंगे तो बच्चे उनका अनुसरण करेंगे। साथ ही बच्‍चों के जरिए उनके परिवार तक भी यह संदेश पहुंच सकेगा। कोविड काल में सफाई का महत्‍व और भी बढ़ गया है। सरकार इसे ध्‍यान में रखकर योजना बना रही है।

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