Srijan scam Bihar: भागलपुर के चर्चित सृजन घोटाले के एक और मामले की जांच करेगी सीबीआइ

सृजन घोटाले से जुड़े एक और मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) करेगी। गृह विभाग ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। यह मामला सरकारी बैंक खातों से जालसाजी एवं षड्यंत्र पूर्व तरीके से सरकारी राशि के अवैध ट्रांसफर से संबंधित है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 09:42 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:42 PM (IST)
Srijan scam Bihar: भागलपुर के चर्चित सृजन घोटाले के एक और मामले की जांच करेगी सीबीआइ
सृजन घोटाले के एक और मामले की जांच करेगी सीबीआइ। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार के भागलपुर के चर्चित सृजन घोटाले से जुड़े एक और मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) करेगी। गृह विभाग के द्वारा शुक्रवार को सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके अनुसार भागलपुर कोतवाली कांड संख्या 808 /2020 के तहत धारा 409/ 420/ 467/ 468/ 120 बी के तहत बीते वर्ष 23 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह मामला सरकारी बैंक खातों से जालसाजी एवं षड्यंत्र पूर्व तरीके से सरकारी राशि के अवैध ट्रांसफर से संबंधित है। अब इसकी जांच सीबीआइ के हाथ में है। 

कई मामलों की जांच पहले से सीबीआइ कर रही

मालूम हो कि सृजन घोटाले से जुड़े कई मामलों की जांच पहले से सीबीआइ कर रही है। इसी जांच के क्रम में जिला प्रशासन द्वारा जरूरत के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। अब पिछले साल दर्ज प्राथमिकी के कांड की जांच को भी सीबीआइ को सौंपा गया है। बता दें कि भागलपुर कोतवाली कांड संख्या 808 /2020 के तहत धारा 409/ 420/ 467/ 468/ 120 बी के तहत बीते वर्ष 23 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामला सरकारी बैंक खातों से जालसाजी एवं षड्यंत्र पूर्व तरीके से सरकारी राशि के अवैध ट्रांसफर से संबंधित है।

जानें क्या था भागलपुर का चर्चित सृजन घोटाला

गौरतलब है कि बिहार के भागलपुर में कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय खातों में न जाकर या वहां से निकाल 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' नाम के एनजीओ (NGO) के छह खातों में स्थानांतरित कर दी जाती थी। इसको लेकर आरोप है कि भागलपुर के एक एनजीओ ने पिछले दस साल में बिहार सरकार की नाक के नीचे से करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया गया। दस साल में एनजीओ ने बिहार की बीजेपी-जेडीयू और आरजेडी-जेडीयू सरकार को तकरीबन 780 करोड़ का चूना लगाया। इतना सब होने के बाद दोनों ही सरकारों को इसकी कानों-कान खबर तक नहीं लगी।

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