बिहारः कोरोना काल में घटी FD कराने की रफ्तार, बैंक से पर्सनल लोन लेने वाले भी नदारत
बैंकों में फिक्स डिपाजिट करने वाले ग्राहकों की संख्या में 50 फीसद से भी अधिक गिरावट आई है। हालांकि एफडी तोड़ने वाले ग्राहकों की संख्या में वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है। पर्सनल लोन का काम अभी बंद है।
जागरण संवाददाता, पटना : कोविड महामारी के बीच वित्तीय क्षेत्र में उथल-पुथल मची हुई है। इस क्रम में बैंकों में फिक्स डिपाजिट करने वाले ग्राहकों की संख्या में 50 फीसद से भी अधिक गिरावट आई है। हालांकि एफडी तोड़ने वाले ग्राहकों की संख्या में वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है। पर्सनल लोन का काम अभी बंद है, जबकि गोल्ड लोन का प्रचलन वाणिज्यिक बैंकों में न के बराबर है।
प्रतिदिन 200 से 300 के बीच ही एफडी मिल पा रही
कोविड काल से पूर्व एफडी लेने वाले ग्राहकों की संख्या अधिक होती थी। अग्रणी जिला प्रबंधक-बैंक अवधेश आनंद ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों में बचत के लिए एफडी अधिक लोकप्रिय है। बैंकों के जरिये लोग एफडी उत्पाद अधिक लेते हैं। पटना जिले में 750 बैक शाखाएं हैं, और औसतन 750 के करीब एफडी प्रतिदिन आ ही जाती थी, लेकिन अभी कोरोना काल का व्यापक प्रभाव है। इस समय औसतन प्रतिदिन 200 से 300 के बीच ही एफडी मिल पा रही है। एफडी तोड़ने वाले ग्राहकों की संख्या दो से पांच फीसद के करीब होती है, और इसमें कोई वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है।
शादियों के टलने से लोक लेने वाले भी कम
अवधेश आनंद ने कहा कि फिलहाल पर्सनल लोन का काम बैंकों में बंद है। लेने वाले भी कम हैं क्योंकि शादियां टल गई हैं। जमा-निकासी जैसी अनिवार्य सेवाएं ही दी जा रही हैं। एसएलबीसी का भी ऐसा ही निर्देश है। कोरोना संक्रमण की वजह से स्टाफ की कमी है। हर ब्रांच में 30 फीसद के करीब कर्मचारी संक्रमित हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों में गोल्ड लोन का चलन बहुत कम है। पटना जिले की 750 में से चार-पांच शाखाओं में ही गोल्ड लोन की व्यवस्था है। हालांकि ऐसा कोरोना संक्रमण की वजह से हो रहा है। बता दें कि राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रसाद काफी तेजी से बढ़ रहा है।