कूलर की हवा में आराम फरमा रहे पटना चिड़ियाघर के बाघ, चिंपैंजी खा रहा दही; पी रहा नारियल पानी
Patna Zoo News पटना के चिड़ियाघर में रहने वाले जानवरों के ठाट देखते की बन रहा है। यहां बाघ अभी से कूलर की हवा खा रहा है तो चिंपैंजी दही पीकर गर्मी भगा रहा है। सांप के केज में अलग ही इंतजाम है।
पटना, जागरण संवाददाता। Patna Zoo News: पटना में घूमने की सबसे खास जगहों में शुमार है संजय गांधी जैविक उद्यान यानी चिड़ियाघर। पटना के जू में ढेरों किस्म के जंगली जानवर, पक्षी, सांप और मछलियां देखने को मिलती हैं। हर जानवर के रहने और खाने का अपना अलग ही अंदाज है। गर्मी की आहट के साथ ही इन जानवरों के खानपान में बदलाव देखने को मिल रहा है। ठंड की वजह से पिछले कई महीनों से सुस्त पड़े सांप, घड़ियाल और मगरमच्छ के केज में आजकल चहलकदमी बढ़ गई है। उद्यान प्रशासन की ओर से बदलते मौसम को देखते हुए पशु-पक्षियों के खान-पान और उनके रहन-सहन में भी बदलाव किए गए हैं। जानवरों के केज में कूलर और पंखा भी लगाया गया है, ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिल सके।
चिंपैंजी खा रहा दही और तरबूज, पी रहा नारियल डाभ का पानी
पटना जू प्रशासन की ओर से पटना जू में रहने वाले चिंपैंजी को उसके भोजन में बदलाव करते हुए उसे दही, तरबूज और नारियल डाभ का पानी दे रहा है। इसके साथ ही उसके नाइट हाउस में कूलर की भी व्यवस्था की गई है।
मांसाहारी जानवरों को आजकल कम दिया जा रहा भोजन
पटना जू के मांसाहारी जानवर जैसे सभी बिल्ली प्रजातियों में जैसे बाघ, शेर, तेंदुआ, जंगल कैट और फिशिंग कैट आदि को दिये जाने वाले मांस की मात्रा में 10 से 20 प्रतिशत कम कर दी गई है। उनके पीने के पानी में गर्मी से राहत देने के लिए ग्लूकॉन-डी और भोजन में मल्टी विटामिन मिलाकर दिया जा रहा है। इसके अलावा उनके रहने वाली जगह पर पानी का नियमित रूप से छिड़काव किया जा रहा है। उनके केज में बाथटब और झरना का उपयोग किया जा रहा है। वैसी जगह जहां सूरज की सीधी धूप आती है, वहां फूस की ट्टटियां लगा दी गई हैं।
भालू और लंगूर को मिल रहा संतरा
भालू, बंदर, लंगूर, लायन टेल्ड मकाऊ और पक्षियों के भोजन में तरबूज और संतरा दिया जा रहा है। साथ ही पानी पीने के लिए मिट्टी के बने बरतन का उपयोग किया जा रहा है। हाथी के भोजन में केला का थंब का उपयोग किया जा रहा है। शाकाहारी वन्यजीवों के भोजन में प्रचुर मात्रा में हरा चारा सहित मल्टी विटामिन का मिश्रण दिया जा रहा है।
बड़े पक्षियों के लिए बढ़ाई गई पालक की मात्रा
पटना जू के बड़े पक्षियों जैसे ऑस्ट्रीच, ऐमु, कैशवरी, मोर आदि के भोजन में हरी सब्जियों सहित पालक की मात्रा को बढ़ा दिया गया है। सांप के इंक्लोजर में जमीनी सतह पर पानी का छिड़काव नियमित रूप से किया जा रहा है।
कूलर की हवा में आराम फरमा रहे शेर और बाघ
शेर और बाघ के इंक्लोजर में भी कूलर और पंखा लगाया गया है, ताकि इन्हें भी गर्मी से राहत मिल सके। कोरोना से बचाव के लिए जू प्रशासन की ओर से पूरी सर्तकता बरती जा रही है। बिना मास्क के किसी भी दर्शक को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। समय-समय पर चूना और ब्लीचींग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। इसके साथ ही केज को सैनिटाइज किया जा रहा है।