शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री में पुलिस की भूमिका वाला एसपी का पत्र वायरल, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया शो-कॉज
मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन एसपी ने छह जनवरी को सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा था। शराब की अवैध बिक्री में उत्पाद निरीक्षकों अवर निरीक्षकों व आरक्षियों की मिलीभगत का आरोप लगाया था। पुलिस मुख्यालय ने एसपी से मांगा स्पष्टीकरण। एसपी का ट्रांसफर हो चुका है ।
पटना, राज्य ब्यूरो । शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री में उत्पाद विभाग के निरीक्षकों व आरक्षियों की मिलीभगत का आरोप लगाने वाला पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय एक्शन में आ गया है। पत्र छह जनवरी को मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन एसपी ने सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को लिखा था। बुधवार को पुलिस मुख्यालय ने शराबबंदी से जुड़े इस पत्र को निरस्त करने का निर्देश जारी किया। इसके अलावा गहनता से विचार किए बिना पत्र निर्गत करने पर मद्य निषेध विभाग के डीएसपी (प्रशासन) से स्पष्टीकरण की मांग की है। पत्र लिखने वाले तत्कालीन मद्य निषेध विभाग के एसपी संजय कुमार सिन्हा का पहले ही तबादला हो चुका है। मंगलवार को ही उन्हें मद्य निषेध विभाग से विशेष शाखा भेज दिया गया।
पत्र में जनप्रतिनिधियों पर भी उठाए गए थे सवाल
छह जनवरी को जारी इस पत्र में तत्कालीन एसपी मद्यनिषेध ने अपने ही महकमे पर सवाल उठाया था। उन्होंने लिखा- बिहार सरकार ने कानून लाकर बिहार में शराब खरीद-बिक्री पर रोक लगाई है। बावजूद बिहार के सभी थाना क्षेत्र में चोरी-छिपे, उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक एवं आरक्षियों को बढ़ावा देकर लोग शराब का धंधा कर रहे हैं। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधि के भी शामिल होने से प्रशासन प्रतिबंधित शराब बिक्री कानून का खुलेआम मजाक उड़ा रहा है। उन्होंने उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक एवं आरक्षियों के रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति की जांच कराने की भी बात पत्र में लिखी थी।