सूर्य ग्रहण 2021: चार घंटे तक बरतनी होगी सावधानी, ग्रहण में नहीं करने चाहिए ये काम; बिहार में क्या होगा असर
Solar Eclipse 2021 Date Time वर्ष 2021 का अंतिम सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। लगभग चार घंटे लंबे इस ग्रहण का सूतक काल ग्रहण पूरी तरह खत्म होने के बाद समाप्त होगा। यह ग्रहण अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग असर डालेगा।
पटना, जागरण संवाददाता। Solar Eclipse 2021 Date & TIME: वर्ष 2021 का आखिरी सूर्यग्रहण आज लग रहा है। करीब चार घंटे लंबा यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 10.59 बजे शुरू हो जाएगा। यह ग्रहण दोपहर 03 बजकर सात मिनट तक रहेगा। ग्रहण का चरम काल करीब दो मिनट का होगा, इस दिन सूर्य का सर्वाधिक हिस्सा चांद से ढंक जाएगा। इस ग्रहण को खग्रास सूर्य ग्रहण का नाम दिया जाता है। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। सूतक काल में शुभ कार्य निषेध किए गए हैं। इस दौरान ईश्वर की उपासना करने से शुभ फल मिलता है और ग्रहण के बुरे प्रभाव का असर कम होता है। आज लगने वाला सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के साथ ही अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से में दिखाई देगा। यह ग्रहण एशिया और यूरोप में दिखाई नहीं देगा।
वृश्चिक राशि में लग रहा है ये ग्रहण
यह ग्रहण संपूर्ण भारत में कही भी नहीं दिखेगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं लगेगा। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बताया कि भारत में ग्रहण का दिखाई नहीं पडऩे के कारण यहां सूतक नहीं मान्य होगा। यह सूर्य ग्रहण आस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका के दक्षिण क्षेत्र के अलावा अमेरिका में दिखाई देगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 10 बजकर 59 मिनट से आरंभ होकर दोपहर तीन बजकर सात मिनट तक रहेगा यानी पूरा ग्रहण चार घंटे आठ मिनट का होगा। यह ग्रहण वृश्चिक राशि में होगा। ग्रहण के समय वृश्चिक राशि में सूर्य, केतु, चंद्रमा एवं बुध ग्रह साथ में रहेगा तथा इस पर राहु की दृष्टि बनी रहेगी। ग्रहण काल में अशुभ ग्रहों की शांति हेतु सनातनी परंपरा रही है। ग्रहण काल में सूर्य के वैदिक मंत्र व आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना उचित माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दिन ही शनि अमावस्या का भी संयोग
ज्योतिष आचार्य की मानें तो चार दिसंबर को लगने वाला सूर्यग्रहण के दिन शनि अमावस्या भी है। ज्योतिष की दृष्टि से सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक हीं दिन पड़ना अद्भुत संयोग है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनि देव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है। यदि सूर्य और शनि दोनों ग्रह एक साथ प्रसन्न हो तो लोगों को उत्तम फल मिलता है। ग्रहण के समय जरूरतमंदों और ब्राह्मण को दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और सभी मनोकामना पूर्ण होती है।