तेजस्‍वी का मोदी-नीतीश सरकार पर एक साथ हमला, कहा- बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं की स्थिति विस्‍फोटक

नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार की सरकारों पर हमला बोला है। उन्‍होंने बढ़ती बेरोजगारी को लेकर दोनों सरकारों पर निशाना बनाया है।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 04:59 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 07:09 PM (IST)
तेजस्‍वी का मोदी-नीतीश सरकार पर एक साथ हमला, कहा- बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं की स्थिति विस्‍फोटक
तेजस्‍वी का मोदी-नीतीश सरकार पर एक साथ हमला, कहा- बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं की स्थिति विस्‍फोटक

पटना, जेएनएन। नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार की सरकारों पर हमला बोला है। उन्‍होंने बढ़ती बेरोजगारी को लेकर दोनों सरकारों पर निशाना बनाया है। बुधवार को तेजस्‍वी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि बढ़ती बेरोजगारी ने बिहार में युवाओं के लिए विस्फोटक स्थिति पैदा कर दी है। देश में बेरोजगारी दर 7.5 परसेंट पर पहुंच गयी है। उच्च श‍िक्ष‍ितों में यह बेरोजगारी 60 परसेंट तक हो गयी है। उन्‍होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि भारत में पिछले 45 वर्षों में अब तक की सबसे अधिक बेरोजगारी है।

केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए उन्‍होंने कहा कि जो सरकार यह वादा करते हुए बनी थी कि वह हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को नौकरी देगी, उसी ने यहां के युवाओं को जॉब के मामले में 45 वर्षों का सबसे बुरा दौर दिखाया है। आज युवाओं को हिन्दू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों में उलझाया जा रहा है। युवाओं को अपने भविष्य की चिंता से भटकाना भाजपा की चुनावी रणनीति और केंद्र सरकार की मजबूरी बन गई है।

उन्‍होंने कहा कि जिस तरह देश और बिहार में बेरोजगारी दर में लगातार इजाफा हो रहा है, यह स्थिति अब विस्फोटक सिद्ध होनेवाली है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्तारूढ़ दल युवाओं की बेरोजगारी में अपनी सांप्रदायिक राजनीति के लिए सुअवसर देख रही है। उन्‍होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने अपने 6 वर्षों के शासनकाल में ही रोजगार के अवसर उत्पन करने के बजाय उसे समाप्त कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने में समस्त भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पिछलग्गू देश भारत ही रहा है। एनडीए सरकार की आत्मघाती अर्थनीति के कारण अपना देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका से भी पिछड़ गया है।

तेजस्‍वी ने कहा कि केंद्र ही नहीं, नीतीश सरकार भी रोजगार के अवसरों को सृजन करने में पूरी तरह विफल रही है। इसका खामियाजा देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं, यहां के युवाओं को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्‍होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश सरकार आंकड़ों को छुपाने, उन्हें झुठलाने, कॉन्सपिरेसी थ्योरी गढ़ने और ध्यान भटकाने के षड्यंत्र करने के बजाय यदि अपना ध्यान नौकरी के अवसर उपलब्‍ध कराने में लगाए, तब शायद युवाओं का कुछ भला हो पाए। वैसे सरकार के पास उपलब्ध योग्यता, उनकी प्राथमिकताओं और अब तक के ट्रैक रिकॉर्ड से यह होता दिखता तो है नहीं।

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