बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की आहट! नए मामलों का ट्रेंड ठीक वैसा ही जैसा दूसरी लहर से पहले था
Bihar Corona Virus Update News बिहार में कोरोना के एक जैसे केस चिंता का विषय अफसर जवाबदेह बनाए गए पहले ढलान पर आए फिर चढ़े संक्रमण के मामले डाक्टर विशेषज्ञ जता रहे तीसरी लहर की आशंका जान लें यह डर क्यों है
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Corona Virus Update News: बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ढलान पर है, परंतु तीसरी लहर का खतरा लगातार बना हुआ है। दूसरे कई राज्यों में तीसरी लहर की दस्तक की खबरें भी आ रही हैं। हालांकि बिहार में संक्रमण के नए मामले फिलहाल स्थिर है। लेकिन संक्रमण के स्थिर मामले कोविड विशेषज्ञों और डाक्टरों के लिए चिंता का विषय हैं। डाक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह पर स्वास्थ्य विभाग नई चुनौती से जूझने के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
नीचे जाकर वापस लौटता है संक्रमण
विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना की पीक पहले नीचे जाती है इसके बाद नए सिरे से इसका उठान शुरू होता है। इस वर्ष मार्च महीने में सूबे में अमूमन रोज 20-22 नए संक्रमित मिल रहे थे। यह स्थिति लगातार बनी रही। जिसका नतीजा यह हुआ कि 10 मार्च के बाद दूसरी लहर की दस्तक हो गई और कोरोना के मामले बढने शुरू हो गए। राज्य में फिर एक बार कुछ वैसी ही स्थिति है। 10 जुलाई के बाद से संक्रमण के नए मामले 60 से 100 के बीच में स्थिर हो गए हैं। जिसके बाद लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
डाक्टर और विशेषज्ञ भी जता रहे चिंता
राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक पीके दास कहते हैं कि यह वक्त विशेष सावधानी का है। प्रतिदिन एक जैसे मामले मिलने से संक्रमण की वापसी की आशंका बनी रहती है। विशेषज्ञ डाक्टर हसनैन कैसर कहते हैं कि पूर्व के उदाहरण बताते हैं कि तीसरी लहर आएगी। संक्रमण के मामले करीब-करीब एक आंकड़े पर आकर स्थिर हैं। कभी 62 नए मामले मिलते हैं तो कभी 72 तो कभी 88। आइएमए के कार्यकारी अध्यक्ष डा. अजय कुमार कहते हैं कि संक्रमण के मामलों का 60-70 से नीचे नहीं आना चिंता की बात है।
आशंका के बीच अफसरों को जवाबदेही
स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सिविल सर्जन, डीपीएम के साथ ही मेडिकल अफसरों को जवाबदेह बनाया जा रहा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अफसरों को ताकीद की गई है कि वे अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने को तैयार रहे। चूक की गुंजाइश नहीं वरना अफसरों पर कार्रवाई होगी।
मार्च से जुलाई के बीच के घटे और फिर बढ़े आंकड़े
01 मार्च - 22 केस
20 मार्च - 88 केस
01 अप्रैल -488 केस
10 अपै्रल - 10455 केस
01 मई - 13789 केस
20 मई -5871 केस
01 जून - 1174 केस
20 जून - 294 केस
01 जुलाई 187 केस
20 जुलाई 82 केस
तीसरी लहर की आशंका के बीच चल रही कवायद प्रतिदिन कम से कम दो लाख से ज्यादा टेस्ट नए वैरियंट की पुष्टि के लिए सैंपल लेकर जांच को भेजना रोज कम से कम साढ़े तीन से पांच लाख का टीकाकरण अस्पतालों में आक्सीजन और बेड की क्षमता बढ़ाना