बिहार पंचायत चुनाव 2021: जीत के बाद भी जा सकती है कुर्सी, दुकान की आड़ में चल रहा खेल पड़ेगा भारी

कायदे-कानून का पालन कराने वाले अफसर भी आवभगत से खुश होकर सरकार के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। यही वजह है कि आयोग और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के रोक के बावजूद कोटेदार (जन वितरण प्रणाली विक्रेता) दुकान भी चला रहे है व चुनाव भी लड़ रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:35 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:02 PM (IST)
बिहार पंचायत चुनाव 2021: जीत के बाद भी जा सकती है कुर्सी, दुकान की आड़ में चल रहा खेल पड़ेगा भारी
बिहार पंचायत चुनाव में कोटेदार ताल ठोक रहे हैं। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरियों के चुनाव में कोटेदार धड़ल्ले से राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार के आदेशों को अंगूठा दिखा ताल ठोक रहे हैं। अहम यह है कि कायदे-कानून का पालन कराने वाले अफसर भी आवभगत से खुश होकर सरकार के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। यही वजह है कि आयोग और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के रोक के बावजूद कोटेदार (जन वितरण प्रणाली विक्रेता) दुकान भी चला रहे हैं व चुनाव भी लड़ रहे हैं। दिलचस्प यह है कि कोटे के दुकान की आड़ में मतदाताओं को लुभा भी रहे हैं।

सरकार का दो टूक आदेश है कि जन वितरण प्रणाली की दुकान रखते हुए पंचायत और ग्राम कचहरी के चुनाव में कोटेदार या उसके निकट संबंधी (पत्नी/पति/माता/पिता/पुत्र/पुत्री) चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। अगर चुनाव लड़ते हैं तो तत्काल दुकान को निकटवर्ती दूसरे कोटेदार के यहां स्थानांतरित करना होगा, पर कई ऐसे कोटेदार हैं जो चुनाव भी लड़ रहे और कोटे की दुकान भी चला रहे हैं। आयोग का कहना है कि निष्पक्ष और  पारदर्शी रीति चुनाव संपन्न कराने के लिए जरूरी है। दिलचस्प यह है कि आयोग के आदेशों की अनदेखी कर पिछले चार चरणों में संपन्न हुए चुनाव में विभिन्न पदों पर कई कोटेदार व उनके स्वजन जीत भी चुके हैैं।

केस एकः पश्चिमी चंपारण (बेतिया) जिले गौनहा प्रखंड के धनौजी पंचायत के कोटेदार व पैक्स अध्यक्ष विजय यादव मुखिया पद के प्रत्याशी हैं। विजय चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन अभी तक कोटे की दुकान को स्थानांतरित नहीं किया है।

केस दोः वैशाली जिले में वैशाली पंचायत के कोटेदार राजनारायण पासवान की पत्नी संगीता देवी मुखिया पद चुनाव लड़ रही है, फिर भी राजनारायण ने कोटे के दुकान को स्थानांतरित नहीं किया है।

केस तीनः गया जिले के टेकारी प्रखंड के पूरा पंचायत में कोटेदार मन्नू राम की पत्नी सविता मुखिया का दूसरे चरण में चुनाव जीत गई है। इसी टेकारी प्रखंड में ही भोरी पंचायत के कोटेदार दुर्गादत्त कुमार की पत्नी बंसती देवी मुखिया का चुनाव जीत गईं लेकिन कोटे का दुकान स्थानांतरित नहीं किया।

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