बिहार में क्लास के अंदर शिक्षिका पर सातवीं के छात्र ने तानी पिस्टल, बोला-उड़ा दूंगा तुम्हें

प्रधान शिक्षिका ने तीन बच्चों द्वारा विद्यालय में उपद्रव करने की शिकायत हरनौत थाना पुलिस से की है। आवेदन में शिक्षिका रेखा कुमारी श्वेता कुमारी एवं मंजू कुमारी घटना की गवाह बनी हैं। थाने में शिकायत किए जाने से ये बच्चे और अधिक गुस्से में हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:45 PM (IST)
बिहार में क्लास के अंदर शिक्षिका पर सातवीं के छात्र ने तानी पिस्टल, बोला-उड़ा दूंगा तुम्हें
बिहार में छात्र ने टीचर पर पिस्टल तान दी। सांकेतिक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, हरनौत (नालंदा): हरनौत नगर पंचायत में शामिल बस्ती गांव के मध्य विद्यालय के कई बच्चे कलम की जगह कट्टा लेकर विद्यालय आ रहे हैं। इसकी कलई तब खुली, जब विद्यालय में शरारत कर रहे छात्रों को प्रभारी प्रधान शिक्षिका मनोज कुमारी ने ऐसा करने से मना किया। सातवीं कक्षा के एक छात्र ने मनोज कुमारी के सिर में कट्टा सटा दिया और उड़ा देने की धमकी दी। प्रधान शिक्षिका ने तीन बच्चों द्वारा विद्यालय में उपद्रव करने की शिकायत हरनौत थाना पुलिस से की है। आवेदन में शिक्षिका रेखा कुमारी, श्वेता कुमारी एवं मंजू कुमारी घटना की गवाह बनी हैं। थाने में शिकायत किए जाने से ये बच्चे और अधिक गुस्से में हैं।

शरारती बच्चे बीते मंगलवार से ही इस तरह की हरकत कर रहे हैं। इन लोगों ने गुरुवार को भी विद्यालय में चेतना सत्र के दौरान लड़कियों की कतार में घुसकर बदतमीजी की और मना करने पर शिक्षिकाओं से अभद्रता की। शिक्षिकाओं पर हाथ उठाया और पीटने पर उतारू हो गए। ग्रामीणों के जुटने पर बीच-बचाव हुआ। इस घटना की सूचना बदमाश बच्चों के घर भिजवाकर उनके मां-पिता को बुलवाया गया था। लेकिन कोई नहीं आए।

विद्यालय सूत्रों का कहना है कि कुछ बच्चे स्कूल में एंड्रायड फोन लेकर आते हैं और उसका दुरुपयोग करते हैं। विद्यालय के अन्य छात्र-छात्राओं ने स्कूल शासन से मांग की है कि बदमाश बच्चों के नाम काट दिए जाएं। थानाध्यक्ष देवानन्द शर्मा ने बताया कि बस्ती मध्य विद्यालय से बच्चों के उपद्रव  की शिकायत मिली है। मामले की पड़ताल की जा रही है।

मां-पिता या माहौल जिम्मेदार

मनोविज्ञान के प्रोफेसर विद्या सागर ने कहा कि बच्चे स्वभाव से शरारती होते हैं। बच्चों में नकारात्मक एवं हिंसक प्रवृति का जन्म परिवेश आधारित होता है। ऐसे बच्चों को सकारात्मक माहौल में रखकर सही मार्गदर्शन से सुधारा जा सकता है। इस तरह की घटनाओं के लिए बच्चों के माता-पिता या माहौल जिम्मेदार है।

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