विज्ञान केंद्र में देखें कैसे धरती बदलती है अपनी स्थिति, आज से देखने का मिलेगा मौका, जरूर जाएं

सौर मंडल में बदलाव 23 दिसंबर से ही होने लगता है लेकिन अनुभव हमें 14 जनवरी से होता है। इसलिए हमें ये महसूस होता है कि मकर संक्रांति के बाद दिन बड़ा और रात लंबी होने लगती है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 02:07 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 02:07 PM (IST)
विज्ञान केंद्र में देखें कैसे धरती बदलती है अपनी स्थिति, आज से देखने का मिलेगा मौका, जरूर जाएं
पटना के विज्ञान केंद्र में धरती की स्थिति बदलते देखने के लिए जरूर जाएं। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, पटना। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में गुरुवार को मकर संक्रांति के मौके पर दर्शकों के बीच ऑफलाइन व ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसमें लोगों को एक प्रस्तुति के माध्यम से बताया जाएगा कि पृथ्वी पर दिन व रात की अवधि क्यों बदलती है? और समय के साथ किस प्रकार का बदलाव होता रहता है? विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार अभी पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े २३ डिग्री झुकी हुई है। जो बदलाव हो रहे हैं, वह सूर्य की परिक्रमा के दौरान उत्तरी गोलाद्र्ध में अवधि व मात्रा में बदलाव के कारण हैं।

23 दिसंबर से सौर मंडल में होने लगता है बदलाव

निदेशक अमिताभ के अनुसार सौर मंडल में बदलाव 23 दिसंबर से ही होने लगता है, लेकिन अनुभव हमें 14 जनवरी से होता है। इसलिए हमें ये महसूस होता है कि मकर संक्रांति के बाद दिन बड़ा और रात लंबी होने लगती है। अधिकारियों के अनुसार हर दिन आकाश चार मिनट पर अपनी स्थिति में बदलाव लाता है, इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

हर चार मिनट पर आकाश बदलता है अपनी स्थिति

विज्ञान केंद्र के निदेशक अमिताभ के अनुसार हर चार मिनट पर सौर मंडल में आकाश की स्थिति बदलती है पर हम उन आकाशीय बारीकियों को महसूस नही कर पाते हैं। अतः हमें लगता है कि 14 जनवरी से सूर्य मंडल में बदलाव होते हैं ।अगर हम इन बारीकियों को समझ पाते तो ये परिवर्तन दिसम्बर से ही दिखने लगता। यही बदलो विज्ञान केंद्र में लोगो को दिखाया जाइएगा।

कई चीजें देखने को मिलेगी यहां

विज्ञान केंद्र में इसके अलावा भी कई अविष्‍कार और रचनाएं देखने को मिलेंगी। विभिन्‍न आकारों के लगे शीशे और उनसे निकलने वाले प्रतिबिंब आकर्षण का केंद्र हैं। इसके अलावा वीटी प्‍लेन भी रखा है। खेल-कूद और मनाेरंजन के साधन भी हैं, जिससे सीखने का मौका भी मिलता है।

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