पटना के नाले में गिरे बालक की खोज जारी, आइए करें सलामती की दुआ
पटना के एक खुले नाले में गिरे 10 साल के दीपक की खोज जारी है। परिजन अब नाउम्मीद हो रहे हैं। घटना में कदम-कदम पर नगर निगम की लापरवाही को लेकर लोगों में आक्रोश है।
पटना [जेएनएन]। पटना के एसके पुरी थाना क्षेत्र के मोहनपुर संप हाउस के खुले हौज के खुले नाले में शनिवार की दोपहर गिरे 10 वर्षीय दीपक का अभी तक कोई पता नहीं चला है। शनिवार की रात सुपर सॉकर मशीन से ऑपरेशन चलता रहा। रविवार को नाले में प्रेशर से पानी भी डाला गया। घटना का तीसरा दिन हो चुका है। अब सड़क को खोदकर दीपक की खोज की जा रही है।
इस बीच परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, साथ ही लाडले के सलामत लौटने की उम्मीद भी है। घटना स्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई है। लोगों का आक्रोश नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर है। दीपक के शोकाकुल पिता की एक ही रट है कि अगर नाला ढ़का होता तो उसके साथ ऐसी घटना नहीं होती।
ऐसे हुआ हादसा
घटना के संबंघ में बताया जाता है कि सड़क पर एक लावारिस घूम रही गाय दीपक को सींग मारने के लिए झपटी। गाय लावारिस क्यों घूम रही थी, यह सवाल फिलहाल छोड़ते हुए हम घटना पर केंद्रित करते हैं। गाय से बचने के लिए दीपक संप हाउस की दीवार पर चढ़ गया और फिसलकर हौज में जा गिरा, फिर नाले में चला गया। दीपक के साथ रहे दोस्त की मानें तो गिरने के बाद वहां एक बुलबुला दिखा, फिर कुछ भी पता नहीं चला।
दीपक अपने पिता को बोरिंग रोड में ठेला दुकान पर खाना पहुंचाकर 1:40 बजे पुनाईचक स्थित घर लौट रहा था। उसके साथ एक दोस्त था। मोहनपुर संप हाउस के आउटफॉल की दीवार से वह पुनाईचक रेलवे लाइन की तरफ बढ़ रहा था। तभी एक गाय के बिदकने पर उसकी सींग से बचने को वह संप हाउस की दीवार पर चढ़ा और पैर फिसलने से हौज में गिर गया। नाले के किनारे परती जमीन पर आसपास के घर वाले जूठन फेंकते हैं। इसे खाने के लिए वहां बेसहारा पशु हर समय मौजूद रहते हैं।
राहत-बचाव कार्य में आ रही परेशानी
घटना के बाद शुरू राहत व बचाव कार्य का अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है। नाला जगह-जगह जाम है। यह सवाल फिर कभी कि बीते 49 सालों के दौरान इस नाले की सफाई क्यों नहीं हुई और नगर निगम को इस नाले का नक्शा तक क्यों नहीं मिल रहा। फिलहाल इतनी ही बात कि रूटीन उड़ाही नहीं कराए जाने के कारण काम में परेशानी हो रही है। घटनास्थल पर मौजूद लोग बता रहे हैं कि आज नाला सफाई में जो शोर व कंपन वे महसूस कर रहे हैं, ऐसा कभी महसूमस नहीं किया। अगर नाले की पहले सफाई की गई होती तो दीपक अभी तक मिल चुका होता।
विलंब से शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन
सर्च ऑपरेशन में भी विलंब हुआ। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को घटना की सूचना ढाई बजे दी गई, लेकिन टीमें चार बजे पहुंचीं। इसके बाद ढ़ंग से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। पहले करीब 100 मीटर सर्च किया गया, सफलता नहीं मिली। इसके बाद बल अंडरग्राउंड नाले में जवानों को उतारकर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
10 मिनट तक चलता रहा संप
माेहनपुर संप हाउस के हौज में बच्चे को गिरते देख स्थानीय लोगों द्वारा चिल्लाने के बावजूद संप हाउस ऑपरेटर ने 10 मिनट तक संप को बंद नहीं किया। इससे बच्चा नाले में चला गया। पास की रेलवे लाइन और आसपास के घरों की छतों पर मौजूद लोगों ने जब जोर-जोर से चिल्लाने लगे तो संप बंद हुआ, तब तक नाले में पानी का काफी तेज बहाव था। देखते ही देखते दीपक अंदरग्राउंड नाले में समा गया।
चैम्बर से निकला काफी कचरा
संप हाउस के महज 100 मीटर बाद के चैम्बर में घुसने के लिए मजदूरों को करीब 10 बोरा कचरा निकालना पड़ा। इसमें आधा घंटा से अधिक समय लग गया। अंदर कचरे के साथ शीशे और पत्थर के टुकड़े मिल रहे थे। इसके कारण आगे जाने में कठिनाई हो रही थी। साथ ही सड़क से कई मैनहोल के ढक्कन हटाकर दीपक को खोजा गया। बावजूद देर रात तक दीपक का कोई अता-पता नहीं चल पाया है।
सड़क खोद हटाया जा रहा ब्लॉकेज
नाले के ब्लॉकेज को हटाने के लिए अब सड़क की खोदाई की जा रही है। जेसीबी से सड़क की घेराबंदी कर खोदाई का काम चालू कर दिया गया है। एसडीआरएफ के सेकेंड इन कमांड एके झा ने बताया कि कोशिशें जारी रहेंगी।
पटना के डीएम कुमार रवि और निगम आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान डीएम ने कहा कि कि नाले में एयर प्रेशर के सहारे दीपक को खोजने की कोशिश की जा रही है। दीपक की खोज में जो भी संसाधन की जरूरत होगी वो लगाए जाएंगे।
रामकृपाल बोले: बचाव के प्रयास जारी
इसके पहले रविवार को पाटलिपुत्र के भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने भी हालात का जायजा लिया। रामकृपाल ने कहा कि दीपक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आइए करें दीपक के लिए दुआ
इतने समय तक दीपक के नाला के पानी में रहने के बाद के परिणाम को लेकर लोग नाउम्मीद हैं। परिजन भी कह रहे हैं कि अगर वह मृत है तो भी कम-से-कम शव तो मिल जाए, ताकि संतोष हो। लेकिन जब तक परिणाम सामने नहीं आ जाता, नाउम्मीद होना ठीक नहीं। आइए, किसी चमत्कार की ही उम्मीद में दीपक की सलामती की प्रार्थना करें। दुनिया में ऐसे कई चमत्कारों की कमी नहीं रही है।
इस बीच परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, साथ ही लाडले के सलामत लौटने की उम्मीद भी है। घटना स्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई है। लोगों का आक्रोश नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर है। दीपक के शोकाकुल पिता की एक ही रट है कि अगर नाला ढ़का होता तो उसके साथ ऐसी घटना नहीं होती।
ऐसे हुआ हादसा
घटना के संबंघ में बताया जाता है कि सड़क पर एक लावारिस घूम रही गाय दीपक को सींग मारने के लिए झपटी। गाय लावारिस क्यों घूम रही थी, यह सवाल फिलहाल छोड़ते हुए हम घटना पर केंद्रित करते हैं। गाय से बचने के लिए दीपक संप हाउस की दीवार पर चढ़ गया और फिसलकर हौज में जा गिरा, फिर नाले में चला गया। दीपक के साथ रहे दोस्त की मानें तो गिरने के बाद वहां एक बुलबुला दिखा, फिर कुछ भी पता नहीं चला।
दीपक अपने पिता को बोरिंग रोड में ठेला दुकान पर खाना पहुंचाकर 1:40 बजे पुनाईचक स्थित घर लौट रहा था। उसके साथ एक दोस्त था। मोहनपुर संप हाउस के आउटफॉल की दीवार से वह पुनाईचक रेलवे लाइन की तरफ बढ़ रहा था। तभी एक गाय के बिदकने पर उसकी सींग से बचने को वह संप हाउस की दीवार पर चढ़ा और पैर फिसलने से हौज में गिर गया। नाले के किनारे परती जमीन पर आसपास के घर वाले जूठन फेंकते हैं। इसे खाने के लिए वहां बेसहारा पशु हर समय मौजूद रहते हैं।
राहत-बचाव कार्य में आ रही परेशानी
घटना के बाद शुरू राहत व बचाव कार्य का अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है। नाला जगह-जगह जाम है। यह सवाल फिर कभी कि बीते 49 सालों के दौरान इस नाले की सफाई क्यों नहीं हुई और नगर निगम को इस नाले का नक्शा तक क्यों नहीं मिल रहा। फिलहाल इतनी ही बात कि रूटीन उड़ाही नहीं कराए जाने के कारण काम में परेशानी हो रही है। घटनास्थल पर मौजूद लोग बता रहे हैं कि आज नाला सफाई में जो शोर व कंपन वे महसूस कर रहे हैं, ऐसा कभी महसूमस नहीं किया। अगर नाले की पहले सफाई की गई होती तो दीपक अभी तक मिल चुका होता।
विलंब से शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन
सर्च ऑपरेशन में भी विलंब हुआ। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को घटना की सूचना ढाई बजे दी गई, लेकिन टीमें चार बजे पहुंचीं। इसके बाद ढ़ंग से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। पहले करीब 100 मीटर सर्च किया गया, सफलता नहीं मिली। इसके बाद बल अंडरग्राउंड नाले में जवानों को उतारकर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
10 मिनट तक चलता रहा संप
माेहनपुर संप हाउस के हौज में बच्चे को गिरते देख स्थानीय लोगों द्वारा चिल्लाने के बावजूद संप हाउस ऑपरेटर ने 10 मिनट तक संप को बंद नहीं किया। इससे बच्चा नाले में चला गया। पास की रेलवे लाइन और आसपास के घरों की छतों पर मौजूद लोगों ने जब जोर-जोर से चिल्लाने लगे तो संप बंद हुआ, तब तक नाले में पानी का काफी तेज बहाव था। देखते ही देखते दीपक अंदरग्राउंड नाले में समा गया।
चैम्बर से निकला काफी कचरा
संप हाउस के महज 100 मीटर बाद के चैम्बर में घुसने के लिए मजदूरों को करीब 10 बोरा कचरा निकालना पड़ा। इसमें आधा घंटा से अधिक समय लग गया। अंदर कचरे के साथ शीशे और पत्थर के टुकड़े मिल रहे थे। इसके कारण आगे जाने में कठिनाई हो रही थी। साथ ही सड़क से कई मैनहोल के ढक्कन हटाकर दीपक को खोजा गया। बावजूद देर रात तक दीपक का कोई अता-पता नहीं चल पाया है।
सड़क खोद हटाया जा रहा ब्लॉकेज
नाले के ब्लॉकेज को हटाने के लिए अब सड़क की खोदाई की जा रही है। जेसीबी से सड़क की घेराबंदी कर खोदाई का काम चालू कर दिया गया है। एसडीआरएफ के सेकेंड इन कमांड एके झा ने बताया कि कोशिशें जारी रहेंगी।
पटना के डीएम कुमार रवि और निगम आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान डीएम ने कहा कि कि नाले में एयर प्रेशर के सहारे दीपक को खोजने की कोशिश की जा रही है। दीपक की खोज में जो भी संसाधन की जरूरत होगी वो लगाए जाएंगे।
रामकृपाल बोले: बचाव के प्रयास जारी
इसके पहले रविवार को पाटलिपुत्र के भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने भी हालात का जायजा लिया। रामकृपाल ने कहा कि दीपक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आइए करें दीपक के लिए दुआ
इतने समय तक दीपक के नाला के पानी में रहने के बाद के परिणाम को लेकर लोग नाउम्मीद हैं। परिजन भी कह रहे हैं कि अगर वह मृत है तो भी कम-से-कम शव तो मिल जाए, ताकि संतोष हो। लेकिन जब तक परिणाम सामने नहीं आ जाता, नाउम्मीद होना ठीक नहीं। आइए, किसी चमत्कार की ही उम्मीद में दीपक की सलामती की प्रार्थना करें। दुनिया में ऐसे कई चमत्कारों की कमी नहीं रही है।