छह तरीके से काम करता है साल्वर गैंग, यूपी में बनते हैं दस्तावेज; बिहार में सेट किया जाते हैं मुन्ना भाई

चेन बनाकर काम करने वाले इस गिरोह के सरगना इतने शातिर हैं कि एजेंट से लेकर साल्वर के सामने तक नहीं आते। इंटरनेट वाट्सऐप सहित अन्य माध्यम से संपर्क कर यह अपने सही ठिकाने की जानकारी तक एक दूसरे से शेयर नहीं करते।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:30 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:30 PM (IST)
छह तरीके से काम करता है साल्वर गैंग, यूपी में बनते हैं दस्तावेज; बिहार में सेट किया जाते हैं मुन्ना भाई
साल्वर गैंग बड़े ही शातिर तरीके से काम करता है। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना: नीट, इंजीनियरिंग प्रवेश से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षा में साल्वर सेट कर मोटी रकम वसूलने वाले साल्वर गैंग के चक्रव्यूह को भेद पाना पुलिस के लिए आसान नहीं है। चेन बनाकर काम करने वाले इस गिरोह के सरगना इतने शातिर हैं कि एजेंट से लेकर साल्वर के सामने तक नहीं आते। इंटरनेट, वाट्सऐप सहित अन्य माध्यम से संपर्क कर यह अपने सही ठिकाने की जानकारी तक एक दूसरे से शेयर नहीं करते। यहां तक की मुलाकात भी दूसरे राज्य के किसी रेस्टोरेंट या दुकान पर होती है, यहीं बैठकर सेटिंग करते हैं। गैंग छह तरीके से काम करना है। यूपी में दस्तावेज तो बिहार में साल्वर सेट किए जाते हैं। 

करीबी को उठाने के बाद भी नहीं मिला सही ठिकाना

पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में स्थित आनलाइन सेंटर से एक दर्जन से अधिक ऐसे साल्वर को गिरफ्तार किया गया जो दूसरे की जगह परीक्षा में शामिल होने पहुंचे थे। पुलिस इनसे पूछताछ भी करती है। कितनी रकम मिली और कितना पैसा मिलना था यह जानकारी मिल जाती है, लेकिन सरगना कौन है? यह पुलिस उनसे नहीं उगलवा पाती। वहीं गर्दनीबाग में चालक और अन्य शारीरिक परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी होते रहती है। पुलिस पूछताछ के बाद भी सेटर का नाम पता नहीं कर पाती है और केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज देती है।

सेंटर से लेकर साल्वर तक की सेटिंग के लिए बनी चेन

सूत्रों की मानें तो अभ्यर्थी की तलाश करना, प्रवेश पत्र से लेकर अन्य दस्तावेज तैयार करना, फोटो मिक्सिंग करना, कोचिंग सेंटरों से साल्वर सेट करना, परीक्षा केंद्र पर सेटिंग करना और परीक्षा में सफलता दिलाने में छह तरीके से पूरा गैंग काम करता है। फोटो और दस्तावेज तैयार कराने का काम अगर यूपी में होता है तो साल्वर सेट करने का काम बिहार के पटना, नालंदा सहित अन्य जिलों से होता है। जबकि अभ्यर्थी सेट होने के बाद उनसे रुपये के लेनदेन के लिए तीसरे राज्य को चुना जाता है। हैरानी की बात यह है कि अधिकांश काम यह कूरियर या इंटरनेट काल के जरिए करते हैं।

साइबर एक्सपर्ट से लेकर इंजीनियरिंग के छात्र

अंतरराज्यीय साल्वर गैंग का सरगना अतुल वत्स रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी का बेटा है। मूल रूप से जहानाबाद निवासी अतुल पिछले कई साल से पटना में रह रहा था। बैंक में असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर की नौकरी छोड़कर उसने साल्वर गैंग तैयार किया था। इसकी पत्नी भी डाक्टर है। पुलिस इसके गिरोह के छह करीबियों को बुद्धा कालोनी से गिरफ्तार किया था, जिसमें शामिल कुछ शातिर बीटेक पास हैं तो कोई बीबीए की डिग्री प्राप्त कर चुका है। दिल्ली पुलिस ने इसे 2017 में जब गिरफ्तार किया था तब उसपर एक आनलाइन परीक्षा में धांधली करने का आरोप था। छानबीन में यह बात सामने आई थी कि साफ्टवेयर में छेड़छाड़ की जाती थी। इसके गिरोह में साइबर एक्सपर्ट भी शामिल हैं। अतुल की तरह अंशु का भी गैंग है। फिलहाल दोनों फरार हैं।

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