पटना में कोविड मरीज की मौत पर एनएमसीएच में तोड़फोड़, डॉक्टरों ने कमरे में बंद हो बचाई जान
मरीज के स्वजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। मरीज की मौत के बाद आइसीयू में ही आक्रोशित होकर तोड़-फोड़ करने लगे। स्वजनों का गुस्सा देखकर मौजूद डॉक्टर व कर्मियों ने वहां से भागकर जान बचाई । जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने से इंकार किया।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। एनएमसीएच स्थित मदर एण्ड चाइल्ड कोविड अस्पताल में आज गुरुवार की रात भर्ती बक्सर की एक महिला मरीज की मौत हो जाने के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया । लोगों ने आइसीयू में भी तोड़फोड़ किया। लोगों का आक्रोश देखकर डॉक्टर व कर्मी तुरंत वहां से भाग निकले । मृत महिला के स्वजनों का कहना था कि मरीज का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था। मगर डॉक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया, ना ही बचाने का प्रयास किया। उन्होंने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया।
कई गंभीर मरीजों की बिगड़ी हालत
लोगों का आक्रोश देखकर डॉक्टरों व कर्मी भागकर एक कमरे में बंद होकर खुद को सुरक्षित किया। उन्होंने भी कार्य बहिष्कार करने की बात कही। इस दौरान अन्य मरीजों का इलाज भी बाधित हुआ। कई गंभीर मरीज की हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था किए जाने के बाद ही काम पर लौटने की बात कह रहे थे। डॉक्टरों का कहना था कि मरीज को बाथटेप लगा दिया गया था। इसके बाद भी मरीज की हालत गंभीर होती गयी। डॉक्टरों का कहना था कि अधिकांश मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं। उपलब्ध संसाधन के बूते इन्हें बचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
उधर , हंगामा की सूचना पाकर अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार, नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार मौके पर पहुंचे। वो डॉक्टरों व कर्मियों को समझाते रहे। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। तोड़फोड़ करने वाले दो व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
जूनियर डॉक्टर हुए एकजुट
एनएमसीएच में हंगामे व तोड़फोड़ की घटना से डरे-सहमे डॉक्टर एकजुट हो गए हैं। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचंद्र कुमार ने कहा कि पीजी डॉक्टरों के बूते मरीजों का इलाज हो रहा है। हम अपने ज्ञान के अनुसार मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कोई सीनियर डॉक्टर मरीजों तक नहीं पहुंचते हैं। कोविड अस्पताल में आवश्यक दवाइयां, एन-95 मास्क, ऑक्सीजन और डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं है। यह सभी सुनिश्चित करने के बाद ही वो काम पर लौटेंगे। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने मरीज के बेड के नीचे छिप कर अपनी जान बचाई है। वहीं, जूनियर डॉक्टरों को समझाने में अधीक्षक व उपाधीक्षक देर रात तक जुटे रहे।