बिहार विधान परिषद के लिए गया की महिला को प्रत्‍याशी बनाएगा जदयू, CM नीतीश कुमार ने की थी मुलाकात

Bihar Politics बिहार में विधान परिषद के उप चुनाव के लिए जदयू महिला प्रत्‍याशी को मैदान में उतार सकता है। यह सीट तनवीर अख्‍तर के निधन के बाद खाली हुई है जो कांग्रेस छोड़कर जदयू में आए थे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:58 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:12 AM (IST)
बिहार विधान परिषद के लिए गया की महिला को प्रत्‍याशी बनाएगा जदयू, CM नीतीश कुमार ने की थी मुलाकात
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, जागरण टीम। Bihar Politics: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) की खाली हुई एक सीट पर जदयू (JDU) की ओर से रोजीना अख्तर (Rojina Akhtar) को प्रत्याशी बनाया जाएगा। रोजीना दिवंगत विधान पार्षद तनवीर अख्‍तर (Tanveer Akhtar) की पत्नी हैं। हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उनसे मुलाकात की थी। पटना में उनके पति को बतौर विधान पार्षद मिला सरकारी आवास खाली नहीं करने का आश्वासन दिया था। बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) ने रोजीना को प्रत्याशी बनाने की पहल की है। तनवीर से इनकी गहरी मित्रता थी। कांग्रेस से तनवीर भी अशोक चौधरी के साथ ही जदयू में आए थे।

जुलाई 2022 तक होगा कार्यकाल

चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने बिहार विधान परिषद की इस रिक्‍त सीट के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक यह सीट नौ मई 2021 से रिक्‍त है, और इसका कार्यकाल 21 जुलाई 2022 को पूरा हो जाएगा। 15 सितंबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक 22 तारीख तक इस पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकता है। 23 तारीख को स्‍क्रूटिनी और 27 सितंबर तक वक्‍त नाम वापसी के लिए निर्धारित है। एक से अधिक प्रत्‍याशी होने की स्थिति में चार अक्‍टूबर को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान कराया जाएगा। मतों की गिनती भी उसी दिन शाम पांच बजे से कराई जानी है।

कांग्रेस के साथ तनवीर ने की थी राजनीति की शुरुआत

गया निवासी तनवीर अख्‍तर का मई महीने में कोरोनावायरस संक्रमण से निधन हो गया था। उनकी सीट पर कार्यकाल आठ महीने बचा है। उन्‍होंने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी। वे कांग्रेस की बिहार इकाई के उपाध्‍यक्ष और बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस प्रकोष्‍ठ के अध्‍यक्ष भी रह चुके थे। उन्‍होंने दिल्‍ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण की थी और वहां छात्र संघ के अध्‍यक्ष भी चुने गए थे। अशोक चौधरी के नेतृत्‍व में कांग्रेस के कई नेताओं ने जदयू का दामन थाम लिया तो उस समूह में तनवीर भी शामिल थे।

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