उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा- मेरे पास तीन अॉप्शन्स हैं

रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्रिपद का इस्तीफा पीएम मोदी को भेज दिया है। प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने पीएम मोदी पर बिहार की जनता से वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 10:43 AM (IST) Updated:Tue, 11 Dec 2018 03:35 PM (IST)
उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा- मेरे पास तीन अॉप्शन्स हैं
उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा- मेरे पास तीन अॉप्शन्स हैं

पटना, जेएनएन। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पीएम मोदी को भेजा है। दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उपेंद्र कुशवाहा ने इसका आधिकारिक एेलान करते हुए पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बिहार की जनता से किया वादा पूरा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सूबे को स्पेशल पैकेज देने का वादा किया था जो छलावा निकला। केंद्र की एनडीए सरकार ने बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं किया। सीट शेयरिंग पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कम सीट देकर हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। अकेले लड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि एनडीए को छोड़कर बाकी सभी विकल्प खुले हैं।

बिहार में खाता नहीं खोल पाएगी बीजेपी
अपने पुराने बयान, देश में मोदी से बेहतर विकल्प न होने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अब परिस्थितियां बदल गईं है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बिहार में सूपड़ा साफ हो जाएगा। भारतीय जनता पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाएगी।

कुशवाहा ने कहा कि सरकार अपने नहीं आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में आरएसएस प्रमुख के बयान ने परिणाम में नकारात्मक असर डाला। यूनिवर्सटी तक में संघ से जुड़़े लोगों की नियुक्ति की जा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार आने के बाद यूनिवर्सटी नहीं डिपार्टमेंट वाइस वैकेंसी निकाली गई। जिससे ओबीसी वर्ग की हकमारी बड़े पैमाने पर हुई। कई मुद्दों पर कोर्ट का हवाला देकर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। राम मंदिर बनाने से जुड़़े सवाल पर उपेंद्र ने कहा कि इसमें पार्टी का कोई विरोध नहीं है। राजनीतिक दल का काम मंदिर बनाना नहीं है, जनता की सेवा करना है। इसलिए मंदिर बनाने का काम उचित लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

इसके पहले, उपेंद्र कुशवाहा ने कैबिनेट मंत्रिमंडल से अपने मंत्रिपद का इस्तीफा पीएम मोदी कार्यालय को भेज दिया है। कहा जा रहा है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। 

बिहार की नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने के संकल्प पर करेंगे काम

संसद के शीतकालीन सत्र के एक दिन पहले ख़ासकर चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम का इंतज़ार किए बिना मंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर कुशवाहा ने निश्चित रूप से इस बात का संकेत दिया है कि बिहार के विधानसभा चुनावों में वो अब बिहार की नीतीश कुमार की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के अपने लक्ष्य पर काम करेंगे।

रालोसपा सांसद ने कहा-जहां इज्जत ना मिले वहां कितने दिन रहते

रालोसपा सांसद रामकुमार शर्मा ने कहा कि हमारी बहुत बेइज्जती हो चुकी है और हमने एनडीए को बहुत वक्त दिया, लेकिन लगातार हमारा अपमान किया गया। हमारी पार्टी के अध्यक्ष और हमने ये फैसला  कर लिया है कि अब एनडीए में नहीं रहेंगे। हमने अपनी पार्टी के अध्यक्ष को अधिकृत किया है कि वो जो फैसला लेंगे वो हमारे लिए सर्वमान्य होगा।

रविवार को ही उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था-अब किसी से कोई बात नहीं

इससे पहले कल ही उपेंद्र कुशवाहा ने कह दिया था कि अब एनडीए में किसी से कोई बात नहीं होगी। कुशवाहा ने रालोसपा के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए बिहार में भी नीतीश कुमार की सरकार पर जोरदार हमला बोला था और एेसी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था। कुशवाहा आज अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं और ऐसी लड़ाई जिसमें उन्हें सिर्फ और सिर्फ फतह चाहिए।

इससे पहले नीतीश कुमार बीजेपी पर हमला बोलकर कुशवाहा ने ये बहुत हद तक साफ़ कर दिया था कि उनका एनडीए से मोहभंग हो चुका है। लेकिन,उन्होंने काफी दिनों तक एनडीए में बने रहने का फैसला लिया।

सोमवार को दोनों दलों की होने वाली बैठक में सबसे अहम किरदार उपेंद्र कुशवाहा का रहा और उनके फैसले पर सत्ता के साथ-साथ विपक्षी दलों की भी नजर प्रेस वार्ता पर लगी रही, जिसमें उन्होंने अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर बात अपनी बात को खुलकर रखा। आज की उनकी प्रेस कांफ्रेंस की सबसे बड़ी बात ये रही कि उनकी पार्टी के सांसद रामकुमार शर्मा भी उस प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहे। 

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