लालू को बेल पर सीबीआइ के जवाब से लगा ग्रहण! बिहार में मायूस हुए राजद कार्यकर्ता और समर्थक
Lalu Yadav Bell Petition राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत की आस लगाए बिहार में उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को सीबीआइ के जवाब से गहरा धक्का लगा है। दरअसल राजद सुप्रीमो ने अपनी जमानत के लिए रांची के न्यायालय से गुहार लगाई है।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Lalu Yadav Bell Petition: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत की आस लगाए बिहार में उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को सीबीआइ के जवाब से गहरा धक्का लगा है। दरअसल राजद सुप्रीमो ने अपनी जमानत के लिए रांची के न्यायालय से गुहार लगाई है। इस याचिका पर कई बार सुनवाई हुई है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है। अब सीबीआइ ने कोर्ट को ऐसा जवाब दिया है, जिससे बेल मंजूर होने पर सवाल खड़ा हो गया है। लालू यादव का स्वास्थ्य आजकल काफी खराब चल रहा है, जिसकी वजह से उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स ले जाया गया है। उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने पिता की रिहाई के लिए आजादी अभियान भी शुरू किया था।
तीन दिन पहले ट्वटिर पर ट्रेंड रही थी लालू की रिहाई की मांग
लालू के चाहने वालों ने 9 अप्रैल को लालू की रिहाई की मांग को लेकर ट्वटिर पर अभियान छेड़ा था। महर्षि नाम के एक ट्वटिर यूजर ने लिखा था कि न हौसला टूटा है और न हिम्मत हारी है, मैं लालू हूं, मेरा लहू बिहारी है। एक समर्थ ने लिखा था कि लालू को सामाजिक न्याय की लड़ाई छेड़ने की सजा मिल रही है। कुछ लोगों ने इसे लालू के गलत कर्मों का नतीजा भी कहा। एक ट्वटिर यूजर ने लालू की सजा को पश्चिम बंगाल से जोड़ते हुए कहा कि ममता दीदी का भी यही हश्र होने वाला है। लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने कहा है कि उनके पिता गरीबों के अभिमान हैं।
जानिए क्या कहा है सीबीआइ ने
लालू यादव की जमानत याचिका का सबसे अहम तथ्य यह है कि उनकी आधी सजा पूरी हो गई है। आधी सजा पूरी होने के बाद अपील में जा चुके मामलों में बेल दिया जा सकता है। उनके वकील ने लालू के खराब स्वास्थ्य का हवाला भी कोर्ट में दिया है। इधर, सीबीआइ ने अपने जवाब में कहा है कि उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती, क्योंकि उनकी आधी सजा अभी पूरी ही नहीं हुई है।
सीबीआइ के गणित से लालू के वकील हैरान
सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद यादव को अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की दो सजाएं हुई हैं और कोर्ट के आदेश के मुताबिक दोनों सजाएं अलग-अलग काटनी हैं। इस तरह लालू को कुल 14 साल जेल में रहना है। इस तरह से लालू की आधी सजा तो तब पूरी होगी जब वे सात साल जेल में रह लेंगे। इसके लिए लालू को कम से कम तीन साल और जेल में गुजारनें होंगे। लालू के वकील कोर्ट में इसका विरोध करने की योजना बना रहे हैं, पर यह इतना आसान नहीं होगा।