बिहारः लालू यादव के बेटे तेजप्रताप ने दिया नीतीश कुमार को साथ आने का आफर, बोले-जल्दी जवाब दीजिए
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू जहां जातीय जनगणना पर पूरी तरह से समर्थन में है तो सहयोगी बीजेपी ने चुप्पी साध ली है। इस बीच राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने नीतीश को जातीय जनगणना के मुद्दे पर पटना की सड़कों पर उतरने के लिए कहा है।
जागरण टीम, पटना। बिहार की राजनीति में जातीय जनगणना के मुद्दे से उबाल आ गया है। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू जहां पूरी तरह से इसके समर्थन में है तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुप्पी साध ली है। हिंदुस्तानी आवामा मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भी जेडीयू की हां में हां मिलाई है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक ने भी अपना पक्ष रखा है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने नीतीश कुमार को जातीय जनगणना के मुद्दे पर पटना की सड़कों पर उतरने के लिए कहा है।
आपके आग्रह को नहीं माना तो आएंगे साथ?
इस संबंध में समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से राजद विधायक तेजप्रताप ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ट्वीट पर शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि जिनकी कृपा दृष्टि से आप कुर्सी पर काबिज हैं अगर उन्होंने आपके आग्रह को नहीं माना तो क्या आप हमारे साथ इस संघी सरकार के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरेंगे..? बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने नीतीश कुमार से कहा है कि अपनी अंतरात्मा को जगाकर जल्दी जवाब दीजिए। गौरतलब है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार से सवाल कर चुके हैं कि अगर केंद्र ने उनका आग्रह नहीं माना तो वह क्या करेंगे। वहीं कांग्रेस ने भी जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए एनडीए सरकार पर कटाक्ष किया है। पार्टी का कहना है कि नीतीश के प्रस्ताव को नकार कर भाजपा जदयू को आईना दिखा रही है।
नीतीश कुमार के इस ट्वीट पर दी प्रतिक्रिया
शनिवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा था, हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने फरवरी 2019 और फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।