हंसुआ के विवाह में खुरपी का गीत क्यों गा रहे बिहार सरकार के मंत्री, शिवानंद तिवारी ने किसानों की समस्या पर इस तरह कसा तंज
Bihar Politics बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सदन में दावा किया था कि राज्य में खाद की कोई किल्लत नहीं है। इस पर राजद के राष्ट्रीय महासचिव शिवानंद तिवारी ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार को घेरा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। रबी फसल की बुआई की तैयारी में जुटे बिहार के किसान जबर्दस्त तरीके से परेशान हैं। उन्हें खेत में डालने के लिए खाद मिल ही नहीं रही है। राज्य में जरूरत के मुताबिक खाद की आपूर्ति नहीं हो पाई है। नतीजा यह है कि खाद दुकानों पर एक दिन पहले से ही कतार लग रही है। दूसरी तरफ, बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सदन में दावा किया था कि राज्य में खाद की कोई किल्लत नहीं है। इस पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि बिहार के कृषि मंत्री हंसुआ के विवाह में खुरपी का गीत गा रहे हैं।
राजद ने बिहार में डीएपी खाद की कमी का मुद्दा उठाया है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने राज्य सरकार को नसीहत दी है कि वह तत्काल केंद्र से बात करे और इस समस्या का समाधान निकाले। उन्होंने कहा कि बिहार में डीएपी के लिए किसान बेचैन हैं। धान की कटनी हो चुकी है। किसानों ने रबी के लिए खेत तैयार कर लिया है, लेकिन बुआई की समस्या आ रही है।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि रबी की बुआई के लिए जरूरी डीएपी बाजार में उपलब्ध नहीं है। तैयार खेत अब उखडऩे लगे हैं। दुकानों पर खाद मिल नहीं रही। जहां-तहां हंगामा हो रहा। बिहार में गेहूं के अलावा आलू का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। मुख्यमंत्री का जिला नालंदा तो आलू के उत्पादन के लिए देश भर में जाना जाता है। आलू की खेती के लिए गेहूं से दो गुना ज्यादा डीएपी खाद की जरूरत होती है।
राजद नेता ने कहा कि मंत्री कह रहे कि खाद की किल्लत नहीं है। यूरिया उपलब्ध है। रबी की बुआई के लिए तो डीएपी चाहिए। हंसुआ के विवाह में खुरपी का गीत गाया जा रहा है। डीएपी का 50 किलो का 13 सौ रुपये में मिलने वाला बैग ब्लैक में 17-18 सौ रुपये में मिल रहा है।