RJD ने खोजा पप्पू यादव की गिरफ्तारी का लालू-तेजस्वी कनेक्शन, निशाने पर आए CM नीतीश कुमार
Pappu Yadav Arrest जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी के पीछे लालू प्रसाद यादव व तेजस्वी यादव को कमजोर करने की नीतीश सरकार की साजिश है। यह आरोप आरजेडी विधायक चंद्रशेखर ने लगाया है। इसपर जेडीयू ने भी पलटवार किया है।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Pappu Yadav Arrest जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की गिरफ्तारी का लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) व तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का क्या कनेक्शन है? चौंक गए तो जान लीजिए, यह कनेक्शन लालू के ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एक विधायक ने खोजा है। इसी बहाने उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को निशाने पर लिया है। मधेपुरा से आरजेडी विधायक चंद्रशेखर (RJD MLA Chandrashekhar) ने आरोप लगाया है कि पप्पू यादव को लालू प्रसाद यादव व तेजस्वी यादव का वोट बैंक तोड़ने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने एक साजिश के तहत गिरफ्तार कराया है। यह लालू-तेजस्वी को कमजोर करने की सफल नहीं होने वाली कोशिश है। इस आरोप पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी पलटवार किया है।
सामाजिक न्याय की धारा को कमजोर करने की साजिश
विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि पप्पू यादव की गिरफ्तारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की सामाजिक न्याय की धारा को कमजोर कर सांप्रदायिक ताकतों को मजबूती देने की एक साजिश है। पप्पू यादव की गिरफ्तारी के पीछे मूल मंशा आरजेडी के वोटरों में कंफ्यूजन पैदा कर देना है। यह गिरफ्तारी लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर आने के बाद ही क्यों हुई, इसे समझना होगा। पप्पू आज जेल में हैं, लेकिन जमानत तो हो ही जाएगी। फिर वे लालू और तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे, जिसका लाभ सत्ताधारी दलों के नेता उठाएंगे।
जेडीयू का पलटवार: पहले पप्पू पसंद थे, अब नापसंद
आरजेडी विधायक चंद्रशेखर के इस बयान पर जेडीयू ने भी पलटवार किया। जेडीयू प्रवक्ता व मधेपुरा से पार्टी के विधान सभा प्रत्याशी रहे निखिल मंडल ने कहा कि आज चंद्रशेखर ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी को साजिश करार दिया है। साथ ही उन्हें सत्ताधारी दलों का एजेंट बताया है। ये वही चंद्रशेखर हैं, जिन्होंने साल 2005 का विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) मधेपुरा से पप्पू यादव के समर्थन से निर्दलीय लड़ा था। तब वे पप्पू यादव जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे। बकौल निखिल मंडल, तब चंद्रशेखर को पप्पू यादव पसंद थे, लेकिन आज नापसंद हैं। स्पष्ट है कि मतलब निकलने के बाद पहचान नहीं रहे हैं।