बिहार: नए अध्‍यक्ष के प्रभार ग्रहण में दो-फाड़ दिखी कांग्रेस, कई बड़े नेता रहे नदारद

बिहार कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष मदन मोहन झा ने शुक्रवार को प्रभार ग्रहण किया। लेकिन, कार्यक्रम में कई बड़े नेता नहीं दिखे। कार्यक्रम में सीट शेयरिंग पर भी व्‍यक्‍तव्‍य दिए गए।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 10:48 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 07:56 AM (IST)
बिहार: नए अध्‍यक्ष के प्रभार ग्रहण में दो-फाड़ दिखी कांग्रेस, कई बड़े नेता रहे नदारद
बिहार: नए अध्‍यक्ष के प्रभार ग्रहण में दो-फाड़ दिखी कांग्रेस, कई बड़े नेता रहे नदारद

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मदन मोहन झा ने शुक्रवार को प्रभार संभाल लिया। इसके साथ ही उन्‍हाेंने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि पार्टी अब याचक की भूमिका में नहीं रहेगी। लेकिन, उनके प्रभार ग्रहण समारोह में कई बड़ नेताओं की गैर मौजूदगी को पार्टी के कलह के सतह पर आने के रूप में देखा जा रहा है।

पदग्रहण समारोह में सामने आई गुटबाजी

भले ही कांग्रेस का दावा हो कि बिहार में कांग्रेस को एक मजबूत टीम मिली है और अब लोगों को गुटबाजी का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन उसके इस दावे में दम नहीं। सदाकत आश्रम में शुक्रवार को आयोजित पद ग्रहण समारोह में गुटबाजी और नेताओं की नाराजगी सबके सामने आई।

कांग्रेस के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की पूर्व सूचना रहने के बाद भी बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी, विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह मंच पर नजर नहीं आए।

हालांकि, इसपर इन नेताओं ने अपनी सफाई भी दी है। शक्ति सिंह गोहिल के कार्यालय ने जानकारी दी कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। कौकब कादरी ने कहा उन्हें पारिवारिक कारणों से दिल्ली जाना था। इस वजह से प्रभार देकर एयरपोर्ट चले गए। प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा वे हैदराबाद में होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं शरीक हो पाए। जबकि, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह के कार्यालय ने जानकारी दी कि वे भागलपुर से समारोह में शामिल होने के लिए रवाना तो हुए, लेकिन समय पर कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके।

नवनियुक्‍त अध्‍यक्ष ने कहा: अब याचक नहीं रहेंगे हम

बहरहाल, प्रभार ग्रहण के बाद नवनियुक्त अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि आने वाला समय कांग्रेस का है। चारो ओर कांग्रेस ही नजर आएगी। मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार कांग्रेस को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक शक्तिशाली टीम दी है। टीम में चार कार्यकारी अध्यक्ष, प्रचार अध्यक्ष के साथ ही कार्यकारिणी और सलाहकार टीम के दूसरे सदस्य हैं। सब अनुभवी लोग हैं। व्यवस्था बदलने के बाद ग्रुप बनाने की जो परंपरा रही है उसका मौका इस बार नहीं है। बिहार को अच्छे वक्त में अच्छी टीम मिली है।

उन्‍होंने कहा कि जनता नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामियों और झूठे वायदों को परख चुकी है। कहा कि अब हम याचक नहीं रहेंगे, बल्कि अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।

हम तय करेंगे कितनी सीटें चाहिए : अखिलेश

प्रचार कमेटी के अध्यक्ष सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस अब राज्य और देश के स्तर पर काफी मजबूत स्थिति में है। कई दल कांग्रेस के दरवाजे पर एलायंस के लिए खड़े हैं। अब हम यह तय करेंगे कि कौन सी सीट हमें चाहिए और उस सीट पर हमारा कौन सा प्रत्याशी खड़ा होगा। सीटें कम और ज्यादा हो सकती हैं, लेकिन महागठबंधन के सभी उम्मीदवार जीतें प्रयास इसके होने चाहिए।

डॉ. सिंह ने कहा कि टिकट बंटवारे में प्रदेश अध्यक्ष मजबूती से आवाज उठाएं। यदि आवाज उठाने में कमजोर महसूस कर रहे हो तो मुझे वहां भेजे मैं पुरजोर तरीके से कांग्रेस की आवाज बुलंद करूंगा।

कांग्रेस को बैसाखी की दरकार नहीं : धीरज

प्रभारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह धीरज ने कहा कि कांग्रेस को दोबारा मजबूत करने का वक्त है। आज हमें बैसाखी नहीं बल्कि जोश की जरूरत है। उन्होंने कहा हम दोस्ती तो करेंगे, लेकिन किसी का भार नहीं उठाएंगे। धीरज ने कहा सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस अपना प्रत्याशी खुद चुनेगी।

एनडीए और बिहार सरकार का हाल बुरा : अशोक

डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि देश के साथ ही आज बिहार में एनडीए और नीतीश सरकार का बुरा हाल है और लोग कांग्रेस की ओर उम्मीद से देख रहे हैं। एनडीए और जदयू ने कांग्रेस की जीत की राह आसान कर दी है। बस थोड़ी सी मेहनत कर हम इन्हें सत्ता से बाहर कर सकते हैं।

कांग्रेस पांच-दस नहीं सौ साल वाली पार्टी : डॉ. शकील अहमद

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि आज राजनीतिक दलों पांच से दस साल चलते हैं, लेकिन कांग्रेस सौ वर्ष से अधिक पुरानी पार्टी है। हमारे यहां अभिभावक के रूप में एक अध्यक्ष होता है। जिसके नेतृत्व में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता काम करते हैं। हमें अपने संगठन को बिहार में और मजबूत बनाने के लिए जी जान से जुट जाना होगा।

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