रेणु देवी ने कहा- अहसास हीं नहीं होता डिप्‍टी सीएम बन गई हूं, मैं तो अब भी भाजपा की कार्यकर्ता

डिप्‍टी सीएम रेणु देवी ने एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक सफर की शुरूआत की। आज उन्‍हें बिहार की महिला महिला उपमुख्‍यमंत्री होने का गौरव प्राप्‍त है। मगर वह बेहद सहज-सरल अंदाज में रहना पंसद करती हैं। राज्‍य में महिलाओं के आर्थिक सशक्‍तीकरण के लिए काम उनका लक्ष्‍य है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 07:54 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 02:30 PM (IST)
रेणु देवी ने कहा- अहसास हीं नहीं होता डिप्‍टी सीएम बन गई हूं, मैं तो अब भी भाजपा की कार्यकर्ता
बिहार की पहली महिला डिप्‍टी सीएम रेणु देवी । जागरण फोटो।

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। बिहार के अति पिछड़े (Extremely backward caste) नोनिया समाज की रेणु देवी (Renu Devi)  ने लंबे और कड़े संघर्ष के बाद बिहार की डिप्‍टी सीएम बनी हैं। उन्‍हें बिहार की पहली महिला डिप्‍टी सीएम (first woman Deputy CM of Bihar)  होने का गौरव प्राप्‍त है। मगर पद और कद से बेपरवाह वे आज भी बेहद सरल और सहज अंदाज में जीवन जीना पसंद करती हैं। हाल ही में सरकार द्वारा अलॉट डिप्‍टी सीएम के बंगले में शिफ्ट हुई हैं। बंगले में बेहद साधारण साज-सज्‍जा के साथ वे शिफ्ट हो गईं। पर्यावरण प्रेमी  होने के नाते बंगले में सीजनल फूलों और किचन गार्डेन लगावाया गया है। नए बंगले में शिफ्ट होने के बाद उन्‍होंने जागरण संवाददाता सुमिता जायसवाल से बात की ।

कुछ बदलाव जरूर हुए

पूछने पर बेहद सरलता के साथ कहती हैं कि मुझे तो अहसास ही नहीं होता डिप्‍टी सीएम बन गई हूं। हां, जीवन में कुछ बदलाव (life has undergone a little change) जरूर हो गए हैं। पहले जहां-तहां गाड़ी रूकवाकर अपने क्षेत्र के लोगों से मिल लेती थी, कई बार सब्जियां वगैरह खरीद लेती थी। अब यह सब बंद हो गया है। अब कुछ प्रोटोकॉल (protocol) फॉलो करने होते हैं।

महिलाओं के आर्थिक सशक्‍तीकरण को बढ़ावा

बिहार की महिलाएं उनसे क्‍या उम्‍मीद करें इस सवाल पर लंबी सांसें लेते हुए कहती हैं कि महिलाओं को समाज में समानता (gender Equality) के लिए अभी लंबा सफर तय करना है। काम तो कई हैं मगर मेरी नजर में महिलाओं का आर्थिक सशक्‍ तीकरण (Economic empowerment) सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है। इसके लिए अपना काम शुरू करने की इच्‍छुक महिलाओं को  10 लाख रुपये लोन देने की योजना शुरू की गई है। जिसमें से 50 फीसद अनुदान है। इसके अलावा हमारी सरकार ने बिहार के सभी सरकारी स्‍कूलाें में बच्‍चों को दिए जानेवाले यूनिफॉर्म (School uniform) को सिलने का काम जीविका दीदियों को दिया है। तीसरी बात की ममता के साथ समता होती है। इसी बात को ध्‍यान में रखकर बिहार के सभी सरकारी अस्‍पतालों में मरीजों के लिए खाना भी जीविका दीदी बनाएंगी। ये दोनों योजनाएं ग्रामीण इलाके की महिलाओं के आर्थिक सशक्‍तीकरण के लिए मिसाल बनेगी, ऐसा मुझे पूरा विश्‍वास है।

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