30 रुपये के रजिस्ट्रेशन में सालभर कराएं पटना एम्स में इलाज, जानें और क्या है खास

अगर आप पटना में रह रहे हैं और अपना या किसी का इलाज कराना चाहते हैं तो पटना एम्स आएं। यहां आपके लिए काफी सुविधाएं हैं। इस खबर में जानें किस इलाज का कितना है शुल्क।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 02:35 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 02:35 PM (IST)
30 रुपये के रजिस्ट्रेशन में सालभर कराएं पटना एम्स में इलाज, जानें और क्या है खास
30 रुपये के रजिस्ट्रेशन में सालभर कराएं पटना एम्स में इलाज, जानें और क्या है खास
नलिनी रंजन, पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना नई ऊंचाइयां छूने को तैयार हो रहा है। संस्थान ज्यादा से ज्यादा विभागों को जल्द चालू करने को लेकर लगातार कवायद कर रहा है। संस्थान अब आत्मनिर्भर होकर खुद का पैथोलॉजिकल जांच लैब चला रहा है। इससे मरीजों को कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण जांच की सुविधा मिलने लगी है।
बाहर के अस्पतालों से एक चौथाई कम है जांच दर
वहीं यहां जांच दर बाहर के अस्पतालों की तुलना में एक-चौथाई तक कम है। माथा, नाक, चेहरे जैसे अंगों का सीटी स्कैन यहां केवल 200 रुपये में हो रहा है। निजी संस्थानों में इसके लिए 2000 रुपये तक लिये जाते हैं। यही नहीं, आप केवल 30 रुपये में एक बार निबंधन कराने के बाद यहां साल भर इलाज कर सकते हैं। ईसीजी के लिए यहां कोई शुल्क नहीं लगता। इससे यहां राज्य के सभी जिलों के अलावा नेपाल के मरीज भी पहुंचते हैं।
ओपीडी में हर रोज 2000 मरीजों का इलाज
अभी यहां जनरल वार्ड में 668 बेड हैं। इसके अलावा आइसीयू में 42 और एचडीयू में 18 बेड पर इलाज चल रहा है, जबकि ओपीडी में हर दिन लगभग दो हजार मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों के इलाज के लिए यहां 128 फैकल्टी, 265 सीनियर रेजिडेंट और 103 जूनियर रेजिडेंट कार्य कर रहे हैं। एम्स पटना में जल्द ही फैकल्टी के 190 रिक्त पदों पर बहाली प्रक्रिया आरंभ करने की कवायद चल रही है।
प्रमुख जांच दर
टिश्यू कल्चर  - 100
यूरीन कल्चर  - 100
स्टूल कल्चर   - 100
सीमेन कल्चर  - 100
बोन मैरो बॉयोप्सी - 500
ईएसआर :  30
हीमोग्लोबिन : 50
प्लेटलेट्स  : 80
ब्लड ग्रुपिंग : 30
पैप स्मीयर  : 75
एफएनएसी : 150
स्मॉल बॉयोप्सी : 200
सीरम सोडियम : 25
सीरम पोटैशियम : 25
लिपिड प्रोफाइल : 125
एसजीपीटी :      25
एसजीओटी :     25
एलएफटी  :     175
केएफटी :    200
वीडाल  : 30
ब्लड कल्चर  : 150
रैपिड किट डेंगू  : 100
रैपिड किट एचबीएस : 50
रेडियोलॉजी :
एक्स-रे प्रति शूट : 30
एक्स-रे प्रति फिल्म : 100
सेकेंड इको : 300
कलर डॉप्लर : 300
अल्ट्रासांउड रुटीन : 200
मैमोग्राफी : 300
ईसीजी : निश्शुल्क
इको : 300
सीटी स्कैन
माथा, नाक, टेंपोरल बोन, पीएनएस, चेहरा : 200
सीटी स्कैन बॉडी का एक पार्ट - 750
सीटी एंजियोग्राफी - 1000
एमआरआइ - 3000
एमआरआइ फिल्म - 500
अस्पताल भवन का 90 फीसद कार्य पूरा
अस्पताल के डी एवं सी ब्लॉक का कार्य 95 फीसद पूरा हो चुका है। ए एवं बी ब्लॉक का कार्य लगभग 80 फीसद हो चुका है। ओपीडी भवन का कार्य भी करीब 90 फीसद एवं ट्रॉमा का कार्य 100 फीसद हो चुका है। संस्थान के ऑडिटोरियम का कार्य 20 फीसद शेष है। मॉड्यूलर ओटी का कार्य 50 फीसद तथा मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम का कार्य 70 फीसद पूरा हो चुका है।
इन विभागों में चल रहा इलाज
एनेस्थेसिया, एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री, प्लास्टिक सर्जरी, पीएमआर, स्किन, एफएमटी, गैस्ट्रोलॉजी, सर्जिकल, जेनरल सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति, ऑर्थोपेडिक्स, शिशु विभाग, ईएनटी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, रेडियो डायग्नोसिस, रेडियोथेरेपी, एनेस्थेसियोलॉजी, साइकिएट्री, नियोनेटोलॉजी, दंत रोग, कॉर्डियो थोरासिस, न्यूरो सर्जरी, शिशु सर्जरी, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी, पल्मोनरी मेडिसिन, ट्रॉमा एवं इमरजेंसी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, कॉर्डियोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, सर्जिकल गैस्ट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी। एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह कहते हैं कि संस्थान के अलग-अलग विभागों में लगातार नई-नई सुविधाएं आरंभ हो रही हैं। कई गंभीर व जटिल ऑपरेशन हो रहे हैं। एम्स लगातार मरीजों की सुविधा के लिए तेजी से कार्य कर रहा है।
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