दिल्‍ली में पोस्‍टेड रेलकर्मी ने साली का किया यौन शोषण, वीडियो भी बनाया, नालंदा में यह मिली सजा

नालंदा कोर्ट ने नाबालिग साली के यौन शोषण के मामले में दिल्‍ली में कार्यरत रेलवे के लोको पायलट को 20 वर्ष की सजा सुनाई है। मामला 2016 का है। जीजा ने न केवल संबंध बनाया बल्कि उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी भी दी थी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:05 PM (IST)
दिल्‍ली में पोस्‍टेड रेलकर्मी ने साली का किया यौन शोषण, वीडियो भी बनाया, नालंदा में यह मिली सजा
नाबालिग साली का यौन शोषण करने वाले को 20 साल की सजा। सांकेतिक तस्‍वीर

बिहारशरीफ,  जागरण संवाददाता। जिला न्यायालय के षष्ठम एडीजे सह पाक्सो स्पेशल न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने नाबालिग साली का यौन शोषण करने के मामले में जीजा रविन्द्र कुमार को दोषी करार दिया है। उसे  20 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। आरोपी को पाक्सो अधिनियम के तहत कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी। सजा निर्धारण पर पाक्सो के स्पेशल पीपी जगत नारायण सिन्हा ने अधिकतम सजा देने का कोर्ट से आग्रह किया। अभियोजन पक्ष से ही अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार व कनीय विपिन कुमार ने बहस करते हुए विचारण के दौरान कुल छह साक्षियों का परीक्षण किया था।

दिल्‍ली घुमाने के नाम पर ले गया था साथ 

रविंद कुमार अस्थावां थाना क्षेत्र का निवासी है। इसके साथ पीड़िता की बड़ी बहन की शादी 22 अप्रैल 16 को हुई थी। रविंद्र कुमार दिल्‍ली में रेलवे के लोको पायलट पद पर कार्यरत है। शादी के दो माह बाद 5 जुलाई 16 को उसने अपनी पत्‍नी के साथ नाबालिग साली को भी दिल्‍ली घुमाने के नाम पर साथ ले जाने की बात कही। कहा कि दिल्‍ली वह उसे खूब घुमाएगा। दर्शनीय स्‍थलों की सैर कराएगा। वे तीनों छह जुलाई 16 की शाम दिल्‍ली चले गए। 

यौन शोषण किया और उसका वीडियो भी बना लिया 

वहां ले जाने के बाद उसने साली पर डोरे डालने शुरू कर दिए। उसे प्रेम जाल में फांस लिया। इसके बाद उसके साथ संबंध बनाने का एक वी‍डियो भी बना लिया। इसके बाद वह बार-बार ऐसा करने लगा। साली विरोध करती तो वह वी‍डियो वायरल करने की धमकी देता। यौन शोषण और धमकियों से आजिज होकर लड़की ने अपने परिवारवालों को घटना की जानकारी दी। दो वर्ष बाद महिला थाने में पीड़िता के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में दोषी को 23 मई 18 को तत्कालीन एडीजे प्रथम के कोर्ट से जमानत भी मिली थी। लेकिन अब उसे 20 वर्ष की सजा सुनाई गई है। 

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