पटना के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता, शोध और अनुसंधान पर भी रहेगा जोर
आयुर्वेद कॉलेज ने पहली बार नैक ग्रेडिंग के लिए किया है आवेदन। इससे सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता दूसरे राज्यों से आयुर्वेद पढऩे बिहार आएंगे छात्र। नैक की टीम निरीक्षण के बाद देगी देश में रैंकिंग। शिक्षा के स्तर की करेगी निरंतर निगरानी अनुदान संग सीसीआइएम मान्यता के लिए करेगी अनुशंसा
जेएनएन, पटना : आयुष मंत्रालय की एक पहल से भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के दिन बहुरने वाले हैं। जल्द ही आयुर्वेदिक कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की निगरानी में आ जाएंगे। इससे न केवल आयुर्वेद शास्त्र की पढ़ाई का स्तर सुधरेगा बल्कि अच्छे कॉलेजों को देशभर में पहचान भी मिलेगी। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज पटना ने नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन कर दिया है। दिसंबर में डबल प्लस ग्रेडिंग मिलने पर यहां देशभर के छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए आएंगे। यह जानकारी राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीनेश्वर प्रसाद ने शनिवार को दी।
शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने पर जोर
डॉ. दीनेश्वर प्रसाद ने बताया कि आवेदन के आधार पर नैक की टीम कॉलेज का निरीक्षण करेगी। शिक्षकों के पढ़ाने के स्तर, पढ़ाई की सुविधाओं, रोगियों की संख्या और अस्पताल में इलाज की सुविधाओं को नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल के मानकों के आधार पर परखेगी। इन मानकों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर संस्थान की ग्रेडिंग करेगी। इसका उद्देश्य आयुर्वेद पाठ्यक्रम को ऊपर उठाना, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना है ताकि छात्रों का इसके प्रति रुझान बढ़ सके।
आयुर्वेद की पढ़ाई में अभी तक नहीं था नैक का प्रचलन
बताते चलें कि अभी तक आयुर्वेद की पढ़ाई में नैक का प्रचलन नहीं था। सामान्यत: यह विश्व विद्यालय व उच्च शिक्षा वाले कॉलेजों का निरीक्षण करती थी। नैक की टीम के आने की खबर से कॉलेजों में हड़कंप मच जाता है क्योंकि यह कई सालों की तैयारियों को परखने के बाद न केवल ग्रेडिंग करती है बल्कि उसी के अनुसार अनुदान देने की अनुशंसा भी करती है।
14 विषयों में परास्नातक की पढ़ाई शुरू
प्राचार्य डॉ. दीनेश्वर प्रसाद ने बताया कि राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में वर्तमान में 14 विषयों में परास्नातक की पढ़ाई शुरू हो गई है। इसके अलावा जल्द ही यहां कुछ व्यवसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी है।