मरीज की मौत पर एनएमसीएच अस्पताल में तोड़फोड़, दो हिरासत में

एनएमसीएच स्थित मदर एंड चाइल्ड कोविड अस्पताल में गुरुवार की रात भर्ती बक्सर की एक महिला मरीज की मौत होने से गुस्साए स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। आइसीयू में तोड़फोड़ भी की। उन्होंने इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 02:08 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 02:08 AM (IST)
मरीज की मौत पर एनएमसीएच अस्पताल में तोड़फोड़, दो हिरासत में
मरीज की मौत पर एनएमसीएच अस्पताल में तोड़फोड़, दो हिरासत में

पटना । एनएमसीएच स्थित मदर एंड चाइल्ड कोविड अस्पताल में गुरुवार की रात भर्ती बक्सर की एक महिला मरीज की मौत होने से गुस्साए स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। आइसीयू में तोड़फोड़ भी की। उन्होंने इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया। डॉक्टरों व कर्मियों ने कमरे में बंद होकर खुद को सुरक्षित किया। उन्होंने कार्य बहिष्कार करने की बात कही। इस दौरान अन्य मरीजों का इलाज भी बाधित हुआ। कई गंभीर मरीज की हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था किए जाने के बाद ही काम पर लौटने की बात कह रहे थे। डॉक्टर का कहना था कि मरीज को बाथटेप लगा दिया गया था। इसके बाद भी उसकी हालत गंभीर होती गई। डॉक्टरों का कहना था कि अधिकांश मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं। उपलब्ध संसाधन के बूते इन्हें बचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। हंगामे की सूचना पाकर अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार, नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार मौके पर पहुंचे। वे डॉक्टरों व कर्मियों को समझाते रहे। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। तोड़फोड़ करने वाले दो व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

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हमें सुरक्षा, सीनियर डॉक्टर,

दवाइयां व व्यवस्था चाहिए

जासं, पटना सिटी : एनएमसीएच स्थित कोविड अस्पताल में हुए हंगामे व तोड़फोड़ की घटना से डरे-सहमे डॉक्टर एकजुट हो गए हैं। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचंद्र कुमार ने कहा, पीजी डॉक्टरों के बूते मरीजों का इलाज हो रहा है। हम अपने ज्ञान के अनुसार मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कोई सीनियर डॉक्टर मरीजों तक नहीं पहुंचते हैं। कोविड अस्पताल में आवश्यक दवाइयां, एन-95 मास्क, ऑक्सीजन और डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं है। यह सभी सुनिश्चित करने के बाद ही वो काम पर लौटेंगे। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने मरीज के बेड के नीचे छिप कर अपनी जान बचाई है। वहीं, जूनियर डॉक्टरों को समझाने में अधीक्षक व उपाधीक्षक देर रात तक जुटे रहे।

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