ईयरफोन का ज्यादा उपयोग बन सकता बहरेपन का कारण
आनलाइन पढ़ाई व ईयरफोन के लगातार उपयोग के कारण सुनने की शक्ति कम हो रही है।
पटना । आनलाइन पढ़ाई व ईयरफोन के लगातार उपयोग के कारण सुनने की शक्ति कम हो रही है। इससे बचाव के लिए जहां तक हो सके नार्मल फोन या स्पीकर पर फोन का उपयोग करें। एक बार में अधिकतम 40-50 मिनट तक ही ईयरफोन का उपयोग करें। ऐसा करने से काफी हद तक सुनने की शक्ति को कम होने से रोका जा सकता है। बीते दो-तीन महीनों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स पटना) के ईएनटी विभाग की ओपीडी में बहरेपन की शिकायत को लेकर काफी मरीज आ रहे हैं। ये बातें एम्स पटना की ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. क्रांति भावना ने रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'हेलो डाक्टर' में कहीं। वे पाठकों द्वारा फोन के माध्यम से पूछे गए सवालों का जवाब दे रही थीं। प्रस्तुत है चुनिंदा प्रश्न व उनके जवाब -
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कान का आपरेशन हुए 10 वर्ष हो गए, इसके बाद भी कान बह रहा है।
: आरती कुमारी, कल्याणपुर।
- आप एम्स पटना आ सकती हैं। आपको रिवीजन सर्जरी की जरूरत है। आवश्यक जांच के बाद सर्जरी से आपके कान के पर्दे को बनाने की जरूरत हो सकती है।
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गले में खराश व भारीपन रहता है।
: चंदन कुमार, पटना सिटी।
- कभी-कभी मौसम में परिवर्तन के कारण तापमान बदलने से भी ऐसी परेशानी होती है। ऐसे में आप खाना खाने के बाद गुनगुने पानी से गार्गल करें।
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तीन वर्ष का बच्चा है। कोरोना से संक्रमित हुआ था। उसकी जीभ पर हमेशा लाल दाना रहता है। खाने का स्वाद भी नहीं मिलता है।
: अनीता कुमारी, पटना कालेज।
- यह समस्या पोस्ट कोविड लोगों में सामने आ रही है। यदि उसकी स्मेल आ गई है, स्वाद नहीं आ रहा है तो कुछ दिनों में वह वापस आ जाएगी। आप लाल दाने को लेकर ओपीडी में दिखा सकते हैं।
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नाक से पानी आता है व लगातार छींकें आती हैं।
मंजू लता सिन्हा, गर्दनीबाग
- यह एलर्जी के कारण भी हो सकता है। कुछ आवश्यक जांच जरूरी हैं। आप ओपीडी में दिखाएं।
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कान दर्द करता है व बहता है।
सुरेश प्रसाद सिंह, फुलवारीशरीफ
- कान बहने की समस्या दो कारणों से हो सकती है। पहली स्थिति में पर्दे में लॉस होने से तथा दूसरी स्थिति में कान की हड्डियों की गलन की वजह से भी यह समस्या आती है। आप ओपीडी में आकर दिखाएं।
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कोविड हो गया था, अब जीभ हमेशा सूखी रहती है।
: कृष्ण कुमार साहनी, कंकड़बाग।
- कोविड के कारण यह लक्षण हो सकता है। कोविड ने गले व फेफडे़ को अधिक प्रभावित किया है। आप पहले रात में गुनगुने पानी का उपयोग करें। कुछ दिनों तक ठीक नहीं होता है तो आप आकर एम्स पटना में दिखा सकती हैं।
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: कान बहने के साथ स्मेल करे तो हो जाएं सतर्क :
कान बहने की समस्या सुरक्षित व असुरक्षित दो तरह की होती है। दोनों स्थिति में डाक्टर को दिखाने की जरूरत होती है। इसमें सुनने की शक्ति की कमी होने की समस्या होती है। खासकर कान में खुजली, दर्द व एक अजीब तरह की बदबू आती है। ऐसे में सतर्कता बरतते हुए तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से दिखाएं। कुछ लोग कान में खुजली होने की स्थिति में चाबी, लकड़ी आदि से खुजलाते हैं। तेल का उपयोग करते हैं। इससे अन्य बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। इससे कान के पर्दा में छेद होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। कानों की खुद से सफाई असुरक्षित होती है। ऐसे में डाक्टर से दिखाकर उन्हीं से सफाई कराएं।
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