प्रोडक्ट तैयार, संक्रमण खत्म होने का इंतजार

बिहार की कला देश-दुनिया में जानी जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 01:41 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 01:41 AM (IST)
प्रोडक्ट तैयार, संक्रमण खत्म होने का इंतजार
प्रोडक्ट तैयार, संक्रमण खत्म होने का इंतजार

जासं, पटना : बिहार की कला देश-दुनिया में जानी जाती है। मधुबनी, टिकुली, मंजूषा, सिक्की आदि कई कलाएं बिहार की पहचान रहीं हैं। इसके जरिए न केवल कला का मान बढ़ा है, हमारे कलाकारों ने भी अपना नाम रोशन किया है। बिहार की कला व कलाकरों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग विभाग व उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान अपनी भूमिका निभाते रहा है। शिल्पियों की कलाकृतियों की बिक्री के लिए राज्य में खादी मॉल व बिहार म्यूजियम समेत कई जगहों पर स्टॉल व प्रदर्शनी लगाई जाती है। वहां इन कलाकृतियों की अच्छी डिमांड रही है। इन दिनों कोरोना काल में शहर के कई मॉल व दुकानें बंद होने से शिल्पियों के बनाए प्रोडक्ट को बाजार नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। प्रोडक्ट बेचने के लिए विभाग की ओर से ऑनलाइन पोर्टल

शिल्पियों की मानें तो उद्योग विभाग की ओर से इनके बनाए प्रोडक्ट की ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए पोर्टल भी बनाए गए हैं। वहां इनके बनाए प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री होती है। संक्रमण काल में ऑनलाइन खरीदारी का भी बुरा हाल है। ऐसे में शिल्पियों के बनाए प्रोडक्ट घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। पेंटिग विद्या से जुड़े कलाकारों की मानें तो बिहार ललित कला अकादमी व अन्य जगहों पर पेंटिग की प्रदर्शनी लगती है। वहां लोग सिर्फ पेंटिग देखने आते हैं। खरीदारी की कोई व्यवस्था नहीं है। चित्रकार वीरेंद्र कुमार की मानें तो कला आज राज्य में नीचे के पायदान पर है। सरकार को कलाकारों के हित में काम करने की जरूरत है। .................

हाथ से बनाए गई ज्वेलरी को लेकर चार-पांच हजार रुपये के ऑर्डर आए थे। महिला शिल्पकारों की मदद से सारे प्रोडक्ट तैयार करा लिए गए हैं। संक्रमण के कारण ऑर्डर देने वाले ग्राहक प्रोडक्ट नहीं ले जा रहे। वे संक्रमण खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

शोभना, महिला उद्यमी

---------------- एंटिक सिल्वर ज्वेलरी व कपड़ों पर कशीदा का काम करते हैं। 20 हजार रुपये का अब तक ऑर्डर आया था। कलाकारों ने मेहनत कर सारे सामान तैयार कर लिए। प्रोडक्ट बनकर तैयार होने के बावजूद संक्रमण के कारण लोग सामान नहीं ले जा रहे। प्रोडक्ट बनाने में लगी पूंजी भी फंसी है। अब संक्रमण खत्म होने का इंतजार महिला उद्यमी कर रहीं हैं।

सुषमा, महिला उद्यमी ------------------

मधुबनी, टिकुली पेंटिग, हर प्रकार की पेंटिग व मास्क को लेकर 10-12 हजार रुपये के ऑर्डर मिले थे। समय पर प्रोडक्ट को तैयार कर लिया गया। ऑर्डर देने वाले कुछ लोगों ने पेंमेंट भी किया है। अब प्रोडक्ट कोरोना संक्रमण के कारण नहीं ले जा रहे। संक्रमण खत्म होने के इंतजार में प्रोडक्ट घर में है।

स्मिता पराशर, महिला उद्यमी

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