निजी स्कूलों ने डुबोई पटना जोन की नैया

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 12वीं के रिजल्ट में पटना का खराब प्रदर्शन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 11:50 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 11:50 PM (IST)
निजी स्कूलों ने डुबोई पटना जोन की नैया
निजी स्कूलों ने डुबोई पटना जोन की नैया

जयशंकर बिहारी, पटना। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 12वीं के रिजल्ट में पटना जोन का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इसका प्रमुख कारण निजी स्कूलों का लचर प्रदर्शन है। पटना जोन के केंद्रीय विद्यालय के 99.10 फीसद तथा नवोदय के 98.56 फीसद बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि निजी स्कूलों के महज 77.12 फीसद छात्रों को ही सफलता मिली। पटना जोन के केंद्रीय विद्यालय का प्रदर्शन अजमेर, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, देहरादून, चंडीगढ़, पुणे, बेंगलुरु, भोपाल, नोयडा से बेहतर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय विद्यालय का रिजल्ट 98.62 फीसद रहा है। वहीं, जवाहर नवोदय विद्यालय में सफलता फीसद राष्ट्रीय औसत 98.70 फीसद के लगभग बराबर है। वहीं, निजी स्कूलों में सफलता का फीसद राष्ट्रीय औसत (88.22) से 11.10 फीसद कम है।

पटना जोन में प्राइवेट परीक्षार्थियों का उत्तीर्णता फीसद 37.01 है, जो राष्ट्रीय औसत (37.49) के लगभग बराबर है। पटना जोन में पिछले साल परीक्षा में 747 स्कूल शामिल हुए थे। इस बार परीक्षा में शामिल होने वाले स्कूलों की संख्या 786 हो गई। परीक्षा केंद्र भी पिछले साल की तुलना में 315 से 344 कर दिए गए।

पिछले साल की तुलना में सभी का सुधरा रिजल्ट :

पिछले साल की तुलना में सभी के रिजल्ट में सुधार हुआ है। पिछले साल निजी स्कूल का 67.99 फीसद, जवाहर नवोदय विद्यालय का 94.59, केंद्रीय विद्यालय का 98.18 फीसद तथा प्राइवेट 26.98 फीसद रिजल्ट था। पाटलिपुत्र सहोदया के अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि फ्लाइंग बच्चों को परीक्षा में शामिल करने के कारण रिजल्ट असंतोषजनक है। जो स्कूल फ्लाइंग बच्चों का नामांकन नहीं लेते हैं, उनका रिजल्ट बेहतर है। पिछले चार-पांच साल से पटना जोन का रिजल्ट खराब हो रहा है। इसे दुरुस्त करने के लिए संबंधितों को संजीदा होना होगा। कदाचार में पंचकुला ने दी सबको मात

सीबीएसई की मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी रमा शर्मा ने बताया कि कदाचार के मामले में पटना जोन की स्थिति बेहतर है। पिछले साल चार निष्कासित किए गए थे। इस बार तीन हैं। कुल 65 परीक्षार्थी निष्कासित किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक पंचकुला जोन के 13 परीक्षार्थी हैं। पिछले साल सबसे अधिक 27 परीक्षार्थी अजमेर जोन से निष्कासित किए गए थे। 2019 में 102 परीक्षार्थी निष्कासित किए गए थे।

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