बिहारः जब PM मोदी ने तेजस्वी से पूछा- कैसी है लालू यादव की तबीयत, बोले- मैंने डाक्टर से की थी बात

Bihar Politics प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पीएम ने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य के बारे में भी बातचीत की। तेजस्वी से उन्होंने यह पूछा कि पिता जी की तबीयत कैसी है?

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 05:07 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 10:37 AM (IST)
बिहारः जब PM मोदी ने तेजस्वी से पूछा- कैसी है लालू यादव की तबीयत, बोले- मैंने डाक्टर से की थी बात
बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विधायक तेजप्रताप यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पीएम ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य के बारे में भी बातचीत की। तेजस्वी से उन्होंने यह पूछा कि पिता जी की तबियत कैसी है? यह भी बताया कि मैंने भी डाक्टरों से उनके बारे हाल-चाल लिया था। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के हाल के बारे में नरेंद्र मोदी को बताया। वीआइपी विधायक दल के नेता व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी चांदी की मछली शगुन के प्रतीक के रूप में लेकर पहुंचे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को चांदी की मछली भेंट की। इसका वजन दो किलो बताया गया है।

प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री लगभग 42 मिनट तक रहे। ग्यारह बजे के पहले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल उस हॉल में पहुंच गया था जहां उनकी इस मसले पर प्रधानमंत्री से बात होनी थी। प्रधानमंत्री ठीक ग्यारह बजे आए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी लोगों को प्रधानमंत्री से विधिवत परिचय कराया। इस मुलाकात के दौरान किसी तरह का कोई ज्ञापन प्रधानमंत्री को नहीं सौैंपा गया। कांग्रेस ने कुछ कागज जरूर दिए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र के आधार पर जाति आधारित जनगणना के समर्थन में अपनी बात कही।

पुराने आंकड़े पर ही सभी काम हो रहे

एआइएमआइएम के अख्तरउल ईमान ने कहा कि आजादी के पहले 1931 में आखिरी बार जाति आधारित जनगणना हुई। इसके बाद देश का विभाजन भी हुआ। उस पुराने आंकड़े पर ही सभी काम हो रहे। हमारे पास कोई डाटा नहीं है। इसलिए जरूरी है कि जाति आधारित जनगणना हो जानी चाहिए।

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