नालंदा में प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां शुरू, अफसरों ने किया घाटों का मुआयना
एसडीएम के नेतृत्व में नालंदा में सभी चिह्नित नदी तालाब व पोखरों का अफसरों ने मुआयना किया। किसी पूजा समिति को शासन द्वारा चिह्नित किए गए नदी व तालाब के अलावा कहीं और विसर्जन करने की इजाजत नहीं दी गई है।
संवाद सूत्र, गिरियक (नालंदा) : दुर्गा पूजा संपन्न होने के बाद प्रतिमा विसर्जन को लेकर प्रशासन अलर्ट है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुरुवार को एसडीएम के नेतृत्व में सभी चिह्नित नदी, तालाब व पोखरों का अफसरों ने मुआयना किया। किसी पूजा समिति को शासन द्वारा चिह्नित किए गए नदी व तालाब के अलावा कहीं और विसर्जन करने की इजाजत नहीं दी गई है। प्रखंड क्षेत्र की सभी पूजा समितियों ने मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए नदियों व तालाबों के घाटों को तैयार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने किया चयनित तालाबों और पोखरों का निरीक्षण
गुरुवार को राजगीर एसडीएम अनीता सिन्हा, प्रशिक्षु आइएएस सह गिरियक के प्रभारी बीडीओ श्रीकांत खांडेकर, निवर्तमान बीडीओ निर्मल कुमार एवं सीओ अलख निरंजन यादव ने सभी चयनित तालाबों और पोखरों का निरीक्षण किया। गिरियक बाजार, घोड़ाकटोरा, तरोखर, प्यारेपुर, रानीसराय गांव समेत अन्य इलाकों में प्रतिमा विसर्जन के लिए नदी व तालाबों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान गोताखोरों के जरिए पानी की गहराई भी नपवाई गई।
तालाबों में लाल रंग के निशान से बनाई जाएगी चौहद्दी
एसडीएम अनीता सिन्हा ने बताया कि चिह्नित नदियों व तालाबों में बैरिकेडिंग की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। तालाबों में लाल रंग के निशान से एक चौहद्दी बनाई जाएगी। इसी दायरे में रहकर लोग प्रतिमाओं का विसर्जन करेंगे। जहां से तालाबों की गहराई शुरू होती है, वहां लाल रिबन लगवाए जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि कोई भी श्रद्धालु विसर्जन करते समय ज्यादा गहराई में न चले जाएं, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। बता दें कि हर साल नवरात्र के बाद मां की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान इस तरह की घटना सामने आती रहती है। ऐसे में इस बार प्रशासन पहले से सतर्क हो गया है। सभी चिह्नित नदी, तालाब व पोखरों का अफसरों ने मुआयना कर सुरक्षा के इंतजाम कर लिए हैं।