बिहार का हक छीनने की तैयारी में यूपी, पटना से लखनऊ शिफ्ट होगा गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग का मुख्‍यालय

गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग का मुख्‍यालय बिहार से छीनकर उत्‍तर प्रदेश में शिफ्ट करने की तैयारी बिहार से छिन सकता है 11 राज्यों का बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय पटना में 1972 में स्थापित गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के मुख्यालय को लखनऊ शिफ्ट करने की तैयारी

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 08:05 AM (IST)
बिहार का हक छीनने की तैयारी में यूपी, पटना से लखनऊ शिफ्ट होगा गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग का मुख्‍यालय
पटना में है गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग का मुख्‍यालय। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना [अरविंद शर्मा]। Bihar News: जैसा तय किया जा रहा है, वैसा हो गया तो पटना से गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (Ganga Flood Control Commission) का मुख्यालय छीन जाएगा। इसका नया ठिकाना उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) करने की तैयारी है। 49 साल से यह मुख्यालय पटना (Patna) में है। दो महीने के भीतर इसका पता बदल जाएगा। गया स्थित भारतीय सैन्य प्रशिक्षण अकादमी (Gaya Military Officer's Training Academy OTA) को बंद करने के बाद बिहार के लिए यह दूसरा बड़ा झटका होगा। पटना में 1972 में स्थापित गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के मुख्यालय को लखनऊ शिफ्ट करने की पूरी तैयारी है।

उत्‍तर प्रदेश सरकार के आग्रह पर आगे बढ़ा प्रस्‍ताव

बिहार इससे अनजान है, लेकिन यूपी के आग्रह पर आयोग के स्तर से प्रस्ताव बनाया जा रहा है। जल्द ही इसे केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को सौंपा जाएगा और सहमति मिली तो 11 राज्यों की बाढ़ से जुड़ी योजनाओं की पटना से निगरानी करने वाले इस मुख्यालय का नया पता लखनऊ हो जाएगा।

पूर्व-मध्‍य रेलवे का मुख्‍यालय हटाने की भी हो चुकी कोशिश

बिहार से एक बार पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय हटाने की कोशिश हुई थी। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के बेसिन में बसे राज्यों को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए आयोग की स्थापना की गई थी। पटना में मुख्यालय बनाने के पीछे का मकसद था कि गंगा बेसिन वाले सभी राज्यों में सबसे ज्यादा बाढ़ की तबाही बिहार में होती है। पिछले पांच दशकों से आयोग बिहार में बेहतर काम कर रहा है।

गंगा जलमार्ग के अवरोधों को दूर करने की जिम्‍मेदारी

इस आयोग ने बाढ़ से बचाव के लिए इसने कई योजनाएं बनाई, अध्ययन कराया। स्थायी समाधान के उपाय तलाशे। केंद्र सरकार से अमल कराया। पुरानी योजनाओं की निगरानी की। वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता इसलिए बढ़ गई कि गंगा जलमार्ग के अवरोधों को दूर करने का काम भी इसे ही दे दिया गया है।

यूपी सरकार के प्रस्‍ताव पर आयोग की है पूरी सहमति

मुख्यालय को पटना से लखनऊ ले जाने पर गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग न केवल सहमत है, बल्कि तैयारी भी तेज कर दी है। यूपी के प्रस्ताव पर 2015 में आयोग का क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ में खोला गया था। तब अहसास नहीं था कि एक दिन मुख्यालय की ही बारी आ जाएगी। महज तीन दिन पहले 17 फरवरी को लखनऊ में यूपी के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के साथ बैठक के बाद आयोग के अध्यक्ष मंजीत सिंह ढिल्लन ने प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दे दिया है। जल्द ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव सौंप दिया जाएगा। यूपी सरकार का ऐसा दबाव है कि मुख्यालय को बचाना मुश्किल हो सकता है।

गंगा बेसिन वाले राज्य

बिहार, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिम बंगाल। इसपर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय का सीधा नियंत्रण होता है। बेसिन राज्यों के मुख्यमंत्री या उनके द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि आयोग के सदस्य होते हैैं।

दो महीने के अंदर अमल में आ सकता प्रस्‍ताव

गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष मंजीत सिंह ढिल्लन का कहना है कि मुख्यालय को पटना से लखनऊ शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उसके बाद हम केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को भेजेंगे। तय वहीं से होगा। किंतु हमारी पूरी तैयारी है और सहमति भी। थोड़ा समय लगेगा। उम्मीद है कि दो महीने के भीतर हो जाएगा।

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