बिहार में किसानों को मनरेगा से आधे खर्च पर मजदूर देने की तैयारी, आवास योजना में भी बदलाव की मांग
किसानों की निजी जमीन के कृषि कार्यों को मनरेगा में शामिल करने का आग्रह ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात आधा ही खर्च किसान को देना होगा 23 लाख परिवारों को प्राथमिकता सूची में शामिल करने का अनुरोध
पटना, राज्य ब्यूरो। अगर केंद्र सरकार, बिहार सरकार का प्रस्ताव मान लेती है तो ग्रामीण इलाके में खेती के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। किसानों को खेती के काम के लिए मजदूर खोजने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, वहीं मजदूरों को भी अपने गांव में ही रोजगार के अधिक अवसर मिल सकेंगे। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह व केंद्रीय राज्य मंत्री फगन सिंह कुलस्ते से दिल्ली में मुलाकात कर किसानों की निजी जमीन पर होने वाले कृषि कार्यों को मनरेगा में शामिल करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्हें बिहार की ग्रामीण योजनाओं से अवगत भी कराया। इसी के साथ आवास योजना में भी बदलाव के लिए बिहार सरकार ने प्रस्ताव दिया है।
आधा पैसा किसान और आधा पैसा सरकार से देने का सुझाव
श्रवण कुमार ने कहा कि किसान अपनी निजी जमीन पर जो कृषि कार्य करते हैं उन्हें मनरेगा में शामिल करें, ताकि उस कार्य में आने वाली लागत का आधा पैसा मनरेगा से और आधा जमीन मालिक द्वारा भुगतान करने की व्यवस्था बन सके। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वर्ष 2016 से 2021 के बचे हुए 5.47 लाख परिवारों को आवास एप में शामिल करने का अनुरोध किया। साथ ही जिन 2.23 लाख परिवारों को सूची से बाहर कर दिया है, उन्हें प्राथमिकता सूची में शामिल करने की मांग भी की।
आवास योजना में प्रशासनिक मद की राशि चार फीसद करने की मांग
श्रवण कुमार ने आवास योजना की प्रशासनिक मद की राशि को 1.70 फीसद से बढ़ाकर चार फीसद करने की मांग भी की। इसके साथ ही पटना जिला में ई-शाक्ति परियोजना अंतर्गत किए गए कार्यों के एवज में मनरेगा से सामग्री मद में राशि भुगतान का आग्रह भी किया। गिरिराज और कुलस्ते ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी और बिहार को हर संभव सहायता देगी।