बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में एमटेक की पढ़ाई की तैयारी, स्कालरशिप स्कीम भी होगी लागू
प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में एमटेक की पढ़ाई की तैयारी एमटेक और पीएचडी स्कॉलरशिप स्कीम भी होगी लागू आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से ली जाएगी अनुमति इंजीनियरिंग के नये कोर्स में 30 से 60 सीटें निर्धारित पालिटेक्निक के नये कोर्स में भी 30 से 60 सीटें
पटना, दीनानाथ साहनी। पीएचडी और रिसर्च में पिछड़ रहे बिहार के तकनीकी शिक्षा से जुड़े मेधावी युवाओं के लिए नीतीश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। आने वाले समय में सभी 38 सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में एमटेक और पीएचडी की पढ़ाई आरंभ कराने की तैयारी है ताकि बीटेक के बाद एमटेक और शोध के लिए विद्यार्थियों को अन्य प्रदेशों में जाना नहीं पड़े। वर्ष 2022-23 से एमटेक और पीएचडी के लिए स्कालरशिप स्कीम भी लागू होगी। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव कसो अंतिम रूप दिया और इस पर आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) से अनुमति ली जाएगी।
राज्य में इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की स्थापना में जुटी सरकार ने लड़कियों को नामांकन में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है, जो नये सत्र से लागू होने जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने रोजगार की मांग के अनुरूप कई नये पाठ्यक्रम को लागू करने का फैसला लिया है। एमटेक में कोर्स के मुताबिक 30 से 60 सीटें निर्धारित की गयी हैं। इसी तरह पालिटेक्निक के नये कोर्स में भी 30 से 60 सीटें होंगी। पहले चरण में आगामी सत्र से लोकनायक जयप्रकाश इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलॉजी (छपरा), मोतिहारी कालेज आफ इंजीनियरिंग, गया इंजीनियरिंग कॉलेज, दरभंगा इंजीनियरिंग कालेज, नालन्दा कालेज आफ इंजीनियरिंग (चंडी), भागलपुर कालेज आफ इंजीनियरिंग में एमटेक की पढ़ाई होगी। अभी एमआइटी, मुजफ्फरपुर में एमटेक की पढ़ाई संचालित है। यहां नये पाठ्यक्रम के रूप में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेटिशन जैसे एमटेक में 60-60 सीटें में नामांकन की व्यवस्था की गयी है। ट्रांंसपोर्टेशन इंजीनियरिंग में 30 सीटें दी गई हैं।
पालिटेक्निक संस्थानों में कई नये पाठ्यक्रम लागू होंगे
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 2022-23 से इंजीनियङ्क्षरग कालेजों और पालिटेक्निक संस्थानों में दर्जन भर नये पाठ्यक्रम लागू होंगे। पालिटेक्निक संस्थानों में फूड प्रोसेसिंग एंड प्रीजवेंशन, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, सेरामिक इंजीनियरिंग, प्रिंटिंग इंजीनियरिंग, मेकेनिकल आटोमोबाइल और डिप्लोमा इन आकिंटेक्चर की पढ़ाई अगले सत्र से होगी। एआइसीटीई ने शैक्षणिक व शोध में गुणवता के स्तर पर इंजीनियरिंग कॉलेजों को बेहतर बनाने के लिए आइआइटी एवं एनआइटी समेत अन्य उत्कृष्ट संस्थानों के सेवानिवृत प्रोफेसरों को मार्गदर्शक शिक्षक के रूप में तैनाती की सहमति दी है।
ऐसे शिक्षक कोर्स वर्क, प्रयोगशाला, प्लेसमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने के लिए कार्य करेंगे और सरकार को आवश्यक सुझाव देंगे। खासतौर से ये शिक्षक नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन से इंजीनियरिंग कॉलेजों को मूल्यांकन कराने की तैयारियों पर भी कार्य करेंगे। इसके अलावा इस व्यवस्था से कालेजों का मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी होने वाली शैक्षणिक रैंकिंग में भी हो सकेगा।